चंडीगढ़ से नवनिर्वाचित सांसद मनीष तिवारी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए चंडीगढ़ बिजली विभाग की दरों में बढ़ोतरी को अनुचित और बिना आधार का बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि संयुक्त विद्युत नियामक आयोग को इस प्रस्ताव को प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर देना चाहिए।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट डाला कि वह जेईआरसी से अनुरोध करते हैं कि वह स्वतंत्र रूप से 20,000 रुपये प्रति माह या उससे कम कमाने वाले परिवारों का डेटा प्राप्त करे और चंडीगढ़ बिजली विभाग को उन्हें 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का निर्देश दें।
सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आंकड़े ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास उपलब्ध हैं। लोकल कांग्रेस ने चुनावों के दौरान अपने घोषणापत्र में मुफ्त बिजली देने की बात कही थी, यह भी वादा किया गया था कि हर घर को 20,000 लीटर प्रति माह मुफ्त पानी दिया जाएगा।
300 यूनिट तक मुफ्त मिले बिजली
मनीष तिवारी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैं जेईआरसी से वास्तव में स्वतंत्र रूप से 20,000 रुपये प्रति माह से कम आय वाले घरों का डेटा प्राप्त करने और चंडीगढ़ बिजली विभाग को उन्हें 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का निर्देश देने का अनुरोध करता हूं। सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आंकड़े ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास उपलब्ध हैं।
राशन फ्री तो बिजली क्यों नहीं
उन्होंने लिखा कि यदि एनडीए सरकार 75 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे सकती है तो केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ उन लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली क्यों नहीं दे सकता, जिन्हें इस सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने लिखा कि यदि मुफ्त भोजन उन लोगों के लिए मुफ्त बिजली नहीं है, जिन्हें इस आवश्यकता आधारित समर्थन की आवश्यकता है, तो निश्चित रूप से नहीं है।