लोकसभा चुनाव में लगे झटके से उबरते हुए प्रदेश भाजपा ने अभी से विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों पर मंथन शुरू कर दिया है। कुछ महीने में ही नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। भाजपा इन सीटों को जीतकर खोई हुई जमीन वापस पाने के साथ ही बड़ा संदेश देने की कोशिश में है। यह सीटें उन विधायकों के इस्तीफे के कारण खाली हो रहीं हैं, जो सांसद चुने गए है।
जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें मैनपुरी जिले की करहल (अखिलेश यादव), अयोध्या जिले की मिल्कीपुर (अवधेश प्रसाद), अंबेडकर नगर जिले की कटेहरी (लालजी वर्मा) व मुरादाबाद जिले की कुंदरकी (जिया-उर-रहमान बर्क) सीट समाजवादी पार्टी के पास हैं। वहीं, जो सीटें भाजपा के पास हैं उनमें फूलपुर लोकसभा सीट से प्रवीण पटेल ने जीत दर्ज की है। प्रवीण फूलपुर से विधानसभा चुनाव भी जीते थे। हाथरस से अनूप वाल्मीकि जीते हैं, वह खैर से विधायक थे। गाजियाबाद से अतुल गर्ग ने जीत जीत दर्ज की है।
छह सपा विधायकों पर भी लटक रही तलवार
भदोही लोकसभा से मीरजापुर जिले के मझवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक डा. विनोद कुमार सिंह जीते हैं। मीरापुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होंगे, क्योंकि यहां से रालोद विधायक चंदन चौहान अब सांसद बन गए हैं। इस साल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह सपा विधायकों पर भी तलवार लटक रही है। इनमें मनोज पांडेय (ऊंचाहार), राकेश पांडेय (जलालपुर), अभय सिंह (गोसाईगंज), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज), विनोद चतुर्वेदी (कालपी), पूजा पाल (चायल) शामिल हैं।
बागी विधायकों को माफ करने के मूड नहीं सपा
लोकसभा चुनाव में 37 सीटों के साथ जीत दर्ज करने वाली समाजवादी पार्टी इन बागी विधायकों को माफ करने के मूड में नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि उनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। अगर सपा इन बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर करती है और विधानसभा अध्यक्ष उन्हें अयोग्य घोषित कर देते हैं तो उनकी छह सीटों पर भी उपचुनाव होंगे।