अमृतपाल सिंह व उनके 10 साथियों पर पंजाब सरकार ने नए सिरे से (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) एनएसए लगा दिया है। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में लंबित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को यह जानकारी दी है। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने अब डिब्रूगढ़ जेल में मौजूद इन सभी पर एनएसए लगाने के बारे में विस्तृत जानकारी सौंपने का पंजाब सरकार को आदेश दिया है।
अमृतपाल सिंह के साथी पपलप्रीत सिंह, भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, कुलवंत सिंह रायोके, सरबजीत कलसी, गुरिंदर औजला और बसंत सिंह आदि ने अपने खिलाफ लगाए एनएसए को हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है।
याचिका दाखिल करते हुए सभी ने बताया था कि पंजाब में अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब सरकार ने मुहिम चलाई थी। इस मुहिम के तहत अमृतपाल के साथियों पर शिकंजा कसा गया था।
इसी कड़ी में याचिकाकर्ताओं को भी शिकार बनाया गया और उनके खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। इस कार्रवाई के बाद उन्हें गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। याचिका के अनुसार उनके खिलाफ की गई यह कार्रवाई कानून की तय प्रक्रिया का पालन करते हुए नहीं की गई है।
सुनवाई के दौरान जब अमृतपाल सिंह सहित उनके सभी 10 साथियों की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पिछले साल 18 मार्च को इन सभी के खिलाफ एनएसए लगाकर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था। एनएसए के आदेश एक साल तक ही लागू हो सकते हैं। अब यह आदेश खत्म हो चुके हैं। इस पर पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट को बताया कि इन सभी के खिलाफ नए सिरे से एनएसए लगाया गया है।
सेल में चेकिंग के दौरान मिले थे आपत्तिजनक सामान
असम में एनएसए बंदियों को रखा गया है
खालिस्तानी समर्थक कैदियों के कब्जे से जब्त किए गए गैजेट्स में एक सिम कार्ड के साथ एक स्मार्टफोन, कीबोर्ड के साथ एक टीवी रिमोट एक कीपैड फोन, एक ब्लूटूथ हेडफोन और एक स्पाई-कैमरा पेन, पेन-ड्राइव शामिल थे ।
पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया था, डिब्रूगढ़ जेल, असम में एनएसए बंदियों को रखा गया है. इस सेल में होने वाली ऐसी अवैध गतिविधियों की जानकारी मिलने पर, एनएसए ब्लॉक के सार्वजनिक क्षेत्र में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे ।