दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सीबीआई मामले में शनिवार को राहत नहीं मिली और कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
तीन दिन की रिमांड खत्म होने के बाद सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट की अवकाश न्यायाधीश सुनैना शर्मा के समक्ष पेश किया था। सीबीआई ने केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी।
इससे पहले, दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें दी। बाद में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें, बुधवार को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट में पेश करने के बाद गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा था, जो शनिवार को खत्म हुई।
कोर्ट में दी गई दलीलें
केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा कि 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया। सीबीआई को बताना चाहिए कि उन्होंने केजरीवाल को एक जून से बाद गिरफ्तार करने के लिए क्या सामग्री थी?
अदालत: जो कुछ भी है, यह आरोपित को नहीं बताया जा सकता है। आपको जांच की गंभीर जानकारी देने को नहीं कहा जा सकता है। मामले की जांच की जा रही है, ऐसे में आप नहीं कह सकते हैं कि सामग्री नहीं है।
केजरीवाल का वकील : सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपने बयान में कहा था कि वे तीन जुलाई तक जांच पूरी कर लेंगे।
अदालत : एजेंसी ने शीर्ष अदालत में जो भी बयान दिए हैं, अगर उक्त बयान का अनुपालन नहीं भी किया गया है तो यह जमानत मांगने का आधार हो सकता है, लेकिन आप यह नहीं कर सकते हैं कि न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जा सकता है।
केजरीवाल का वकील– सीबीआई ने जो कहा अदालत को उसे रिकार्ड करना चाहिए, ताकि भविष्य में एजेंसी को इसका स्मरण कराया जा सके।
केजरीवाल के अधिवक्ता ने दस मिनट के लिए अदालत कक्ष में केजरीवाल को उनके परिवार से मिलने की अनुमति देने की मांग की। कोर्ट ने अदालत कक्ष में ही मुलाकात की अनुमति दी। अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजने के मुद्दे पर निर्णय सुरक्षित रखा।
क्या है मामला?
दरअसल, शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग और कथित धन के लेन-देन की जांच कर रही हैं। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ही केजरीवाल को गिरफ्तार किया है।वहीं, CBI नीति को लागू करने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। मामले में जांच की शुरुआत CBI ने ही उपराज्यपाल की सिफारिश के बाद की थी। CBI की FIR के आधार पर ही ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
केजरीवाल पर क्या आरोप हैं?
ED का आरोप है कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों के फायदे के लिए अपनी नई शराब नीति में बदलाव किए थे और इसके बदले में 100 करोड़ रुपये रिश्वत ली थी।ED ने केजरीवाल को सरगना बताया है। आरोप है कि उन्होंने एक आरोपी के साथ वीडियो कॉल में शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा करने वाले विजय नायर को अपना बंदा बताया था।केजरीवाल ने सभी आरोपों से इनकार किया है।