ज्योतिर मठ के 46वें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने लोकसभा में एक विवादास्पद भाषण के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है।
विवाद राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान शुरू हुआ जब गांधी ने भाजपा नेताओं पर कथित तौर पर सांप्रदायिक आधार पर लोगों को विभाजित करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी के भाषण पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि गांधी ने “पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक” करार दिया है। इस आरोप के कारण संसद में तीखी बहस हुई और अंततः स्पीकर ने कई विवादास्पद बयानों को रिकॉर्ड से हटा दिया।
शंकराचार्य का दृष्टिकोण
हिंदुओं के बीच पूजनीय शंकराचार्य ने एक अलग दृष्टिकोण पेश किया। उन्होंने रविवार को कहा, “हमने राहुल गांधी के पूरे भाषण को ध्यान से सुना। उन्होंने स्पष्ट रूप से इस बात पर जोर दिया कि हिंदू धर्म हिंसा को अस्वीकार करता है।”
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित एक वीडियो में, शंकराचार्य ने गांधी के भाषण के चुनिंदा प्रसार की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा, “गांधी के बयान के केवल अंश प्रस्तुत करना भ्रामक और अनैतिक है।” उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
प्रियंका गांधी का समर्थन
कांग्रेस सांसद और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने भी इन आरोपों के खिलाफ अपने भाई का बचाव किया है। उन्होंने कहा, “राहुल कभी हिंदुओं के खिलाफ नहीं बोल सकते। उनकी टिप्पणी भाजपा और उसके नेताओं पर लक्षित थी।”
शंकराचार्य ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वालों के लिए जवाबदेही का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी के बयान के केवल अंश प्रस्तुत करना लोगों को गुमराह कर सकता है और अनैतिक है।
इस घटना ने राजनीतिक हलकों और जनता के बीच महत्वपूर्ण बहस और चर्चा को जन्म दिया है। अलग-अलग दृष्टिकोण भारत में राजनीतिक दलों के बीच चल रहे तनाव को उजागर करते हैं।
दोनों पक्ष अपने अपने बयानो पर अड़े हुए हैं और विवाद जारी है। इस बहस का भविष्य के संसदीय सत्रों पर क्या असर होगा, यह देखना अभी बाकी है।