शिरोमणि अकाली दल में मचा सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, मंगलवार को अकाली दल से निकाले गए 8 नेताओं द्वारा प्रेस कांफ्रैंस की गई। इस दौरान सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा कि सरपरस्त होने के नाते अनुशासन समिति के फैसले को खारिज करते है।

ढींढसा ने कहा कि 8 नेताओं को असंवैधानिक तरीके से पार्टी से हटाया गया। पार्टी को बचाने के लिए कोई अनुशासनहिनता नहीं है, हम पार्टी के लिए कई बार जेल तक गए, सुखबीर तो एक बार भी पार्टी के लिए जेल नहीं पहुंचा। पंजाब के लोग चाहते हैं कि सुखबीर बादल प्रधानगी छोड़े, तब ही शिरोमणि अकाली आगे बढ़ पाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जनरल सत्र बुलाकर नया प्रधान चुना जाएगा।

अकाली दल के आठ बड़े नेता पार्टी से निष्कासित
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल में सियासी तूफान मचा है. SAD के 8 नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते गाज गिरी है. अकाली दल ने मंगलवार (30 जुलाई) को पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति प्रमुख बीबी जागीर कौर समेत आठ नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है।
इन नेताओं ने अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत की थी. शिरोमणि अकाली दल की अनुशासन समिति ने कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा एक साजिश के तहत पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते ये कार्रवाई की है।
लोकसभा चुनाव के बाद बादल के खिलाफ की थी बगावत
पंजाब में लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के खराब परफॉर्मेंस के बाद वरिष्ठ नेताओं के एक गुट ने पिछले महीने पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ विद्रोह किया था और मांग की थी कि वह पार्टी प्रमुख का पद छोड़ दें। सुखबीर बादल के खिलाफ विद्रोह करने वाले प्रमुख चेहरों में पूर्व मंत्री चंदूमाजरा, कौर और वडाला शामिल थे. इसके साथ ही मलूका, ढींडसा, सुरजीत सिंह रखड़ा, सरवन सिंह फिल्लौर और पार्टी नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर भी इसमें शामिल रहे।