पेरिस ओलंपिक 2024 का 7वां दिन बेहद भारत के लिए शानदार रहा. हालांकि, भारतीय एथलीट्स ने मेडल जीतने के कुछ मौके गंवाए, लेकिन मनु भाकर, लक्ष्य सेन और भारतीय हॉकी टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया।
मनु भाकर इस ओलंपिक में पहले ही दो मेडल अपने नाम कर चुकी हैं. अब वो महिला शूटिंग के 25 मीटर पिस्टल इवेंट के फाइनल में पहुंच गई हैं। ऐसे में अब फैंस को एक बार फिर से उनसे मेडल की आस है।
वहीं लक्ष्य सेन ने परुष बैडमिंटन के सेमीफाइनल में एंट्री करके एक मेडल की मेडल की उम्मीद जगा दी है. दूसरी ओर तीरंदाजी और जूडो जैसे खेलों में भारत को निराशा हाथ लगी है।
मनु भाकर और लक्ष्य सेन का कमाल
22 साल की शूटर मनु ने लगातार 2 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पहले ही इतिहास रच दिया है. उन्होंने 10 मीटर पिस्टल इवेंट और 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में मेडल जीते थे और एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनी थीं।
पेरिस ओलंपिक के 7वें दिन उन्होंने भारत के लिए शानदार शुरुआत की और महिला शूटिंग के 25 मीटर पिस्टल इवेंट के फाइनल में पहुंचकर तीसरे मेडल की दावेदारी ठोक दी. उनका अब मुकाबला शुक्रवार 3 अगस्त को है. अगर वो इसमें मेडल जीत जाती हैं, तो ओलंपिक में 3 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय हो जाएंगी।
लक्ष्य सेन ने पुरुष बैडमिंटन सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में एक नया कीर्तिमान रचा। उन्होंने ताइवान के खिलाड़ी चाउ टिएन चेन को 19-21, 21-15 और 21-12 से हराकर सेमीफाइनल में एंट्री की। इस इवेंट के सेमीफाइनल में जाने वाले वो पहले भारतीय बन गए हैं. अब 4 अगस्त को वो सेमीफाइनल के लिए फिर से कोर्ट पर उतरेंगे।
52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया पर जीत
भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक के दिन इतिहास रच दिया. पहले क्वार्टर से ही भारत के खिलाड़ियों ने अटैक करना शुरू कर दिया था और 1 गोल दागकर बढ़त ले ली।
इसके बाद टीम ने और दो गोल दागे, वहीं आॉस्ट्रेलिया की टीम केवल 2 गोल ही दाग सकी. इस तरह भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3-2 से जीत हासिल. भारत ने ओलंपिक में 52 साल के बाद ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रचा. इसके पहले भारतीय टीम ने 1972 के ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को हराया था।
इन खिलाड़ियों ने गंवाया मेडल का मौका
जूडो में तूलिका मान शुरुआती दौर (+78 किग्रा) में पूर्व ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियन क्यूबा की इडालिस ऑर्टिज से हार गईं हैं. इसी के साथ ओलंपिक 2024 में उनका सफर खत्म हो गया है।
उनके पास मेडल जीतने का मौका था, क्योंकि इसका मेडल मैच 2 अगस्त को ही होना था. उनके अलावा भारतीय आर्चर धीरज बूमादेवरा और अंकिता भकत ने भी एक मेडल जीतने से चूक गए।
उन्होंने क्वार्टर फाइनल में मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल तक पहुंचे, लेकिन वहां कोरिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद वो ब्रॉन्ज हासिल कर सकते थे, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल मैच में अमेरिका ने 6-2 से हरा दिया।
इन खिलाड़ियों ने किया निराश
बलराज पंवार रोइंग मेंस सिंगल्स स्कल्स इवेंट में 23वें स्थान पर रहे और मेडल की रेस से बाहर हो गए. महिला 5000 मीटर रेस में भारत की दोनों एथलीट्स पारुल चौधरी और अंकिता ध्यानी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।
दोनों ही स्प्रिंटर पहले ही राउंड से बाहर हो गई हैं. इस इवेंट के हीट्स राउंड में 20 एथलीट्स ने हिस्सा लिया था. फाइनल में जाने के लिए टॉप-8 में जगह बनाना जरूरी था, जबकि पारुल 14वें और अंकिता सबसे आखिरी स्थान पर रहीं. वहीं शूटिंग में ईशा सिंह फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकीं।