शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने शुक्रवार को आप सरकार से डेरा सिरसा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ धारा 295-ए के तहत मुकदमा चलाने, श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का आदेश देने के लिए डेरा नेता हनीप्रीत को नामजद कर गिरफ्तार करने तथा बेअदबी के आरोपी प्रदीप कलेर को उसके खिलाफ दो लंबित मामलों में तत्काल गिरफ्तारी को मंजूरी देने की मांग की है।
रोमाणा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को बताना चाहिए कि उन्होेंने पिछले दो साल से राम रहीम के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने में देरी क्यों की। उन्होने कहा कि जाहिर तौर पर पंजाब की मौजूदा सरकार पिछली कांग्रेस सरकार के नक्शेकदम पर चल रही है, क्योंकि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए धारा 295-ए के तहत राम रहीम पर मुकदमा चलाने के लिए एसआईटी द्वारा किया गया आवेदन सितंबर 2021 से लंबित है। उन्होंने यह भी पूछा कि डेरा प्रमुख के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी क्यों नहीं दी गई, जबकि अन्य सभी आरोपियों के लिए यह मंजूरी दे दी गई है।
रोमाणा ने कहा कि डेरा प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का मुख्य कारण आगामी उपचुनाव और हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं। हनीप्रीत को नामजद या गिरफ्तार नहीं किया गया, जबकि छह महीने पहले धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में डेरा नेता प्रदीप कलेर ने उसे मुख्य आरोपी बताया था। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी, सिखों को अपने ग्रंथ को बचाने के लिए चुनौती देने वाले पोस्टर चिपकाने और पवित्र ग्रंथ साहिब को फाड़ने और उसके पन्नों को खुर्द-बुर्द करने के संबंध में तीन एफआईआर दर्ज की गई थी।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कलेर को केवल चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया, जबकि तीनों मामले बाजखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे। इससे स्पष्ट है कि कलेर को भी ब्लैकमेल किया जा रहा है और बाकी दो मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए उसे एक खास स्क्रिप्ट के अनुसार बयान देने के निर्देश दिए गए हैं।
रोमाणा ने मांग की कि बाकी दो मामलों में कलेर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और मुख्यमंत्री से पूछा कि अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया है? अकाली नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी और पूर्व गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी राम रहीम, हनीप्रीत और प्रदीप कलेर को भगवंत मान की तरह संरक्षण दिया था।
डेरा प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई न करने का कारण चुनाव: शिअद
रोमाणा ने कहा कि डेरा प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई न करने का मुख्य कारण आगामी उपचुनाव और हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं। रोमाणा ने कहा कि हनीप्रीत को नामजद या गिरफ्तार नहीं किया गया, जबकि छह महीने पहले धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में डेरा नेता प्रदीप कलेर ने उसे मुख्य आरोपी बताया था।
कलेर पर तीन एफआईआर दर्ज: रोमाणा
रोमाणा ने हैरानी जताते हुए कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप की चोरी, सिखों को अपने ग्रंथ को बचाने के लिए चुनौती देने वाले पोस्टर चिपकाने और पवित्र ग्रंथ साहिब को फाड़ने और उसके पन्नों को खुर्द-बुर्द करने के संबंध में तीन एफआईआर दर्ज की गई थी।
इसके बावजूद कलेर को केवल चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया, जबकि तीनों मामले बाजाखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि कलेर को भी ब्लैकमेल किया जा रहा है और बाकी दो मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए उसे एक खास स्क्रिप्ट के अनुसार बयान देने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेर को अब तक नहीं किया गया गिरफ्तार: शिअद
रोमाणा ने मांग की कि बाकी दो मामलों में कलेर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और मुख्यमंत्री से पूछा कि अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया है? अकाली नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी और पूर्व गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी राम रहीम, हनीप्रीत और प्रदीप कलेर को भगवंत मान की तरह संरक्षण दिया था।
उन्होंने कहा कि इन सभी ने सिख समुदाय की कीमत पर डेरा सिरसा के साथ सांठगांठ की। रोमाणा ने आप सरकार के साथ-साथ पंजाब पुलिस के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए, जो छह साल पहले प्रदीप कलेर को भगोड़ा घोषित किए जाने के बावजूद कार्रवाई करने में नाकाम रहे हैं।