पंजाब में बठिंडा-मनसा हाइवे पर बने टोल प्लाजा को किसानों ने ध्वस्त कर दिया। यह घटना शुक्रवार को घटी और इसमें भारतीय किसान यूनियन (एकता डकौंदा) और भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धुपुर) के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। किसानों का कहना है कि यह टोल प्लाजा कई सालों से बंद पड़ा था और सड़क हादसों का कारण बन रहा था।
यह घटना बठिंडा जिले के घुम्मन कलां गांव में हुई। किसान संगठनों के कार्यकर्ता जेसीबी जैसी मशीनों के साथ टोल प्लाजा पर पहुंचे और उसे ध्वस्त कर दिया। उन्होंने बताया कि यह टोल प्लाजा कई साल पहले बनाया गया था, लेकिन कई कारणों से इसे चालू नहीं किया जा सका।
किसान नेता रेशम सिंह यात्री, जगदेव सिंह भैणीबाघा और मुख्तियार सिंह राजगढ़ कुब्बे ने कहा कि बीती 19 जुलाई को उन्होंने डीसी बठिंडा को मांगपत्र देकर मांग की थी कि उक्त टोल प्लाजा को यहां से हटाया जाए। अगर इस टोल प्लाजा को सड़क से नहीं हटाया गया, तो वे दो अगस्त को प्लाजा को तोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
किसानों ने कहा कि जब यह टोल प्लाजा अवैध रूप से बनाया जा रहा था, उस समय विरोध भी किया था और मांग की थी कि इसे टोल प्लाजा न बनाया जाए, लेकिन प्रशासन ने सड़क के बीच इस टोल प्लाजा की इमारत का निर्माण कर इस शुरू कर दिया, लेकिन जब सिद्धुपुर यूनियन को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने इसका विरोध करते हुए इस तुरंत बंद करवा दिया।
लगभग नौ साल पहले इस टोल प्लाजा को लगाया गया था, लेकिन यह तभी से बंद पड़ा था। विरोध के चलते यह टोल प्लाजा शुरू नहीं हो सका था। लंबे समय से प्रशासन से मांग थी कि इस अवैध टोल प्लाजा की इमारत को तोड़ा जाए।
यह इमारत नशेड़ियों का अड्डा और दुर्घटना का कारण बन रही थी। इसके मद्देनजर शुक्रवार को जेसीबी की मदद से टोल प्लाजा को ध्वस्त कर दिया गया है। इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से ऐसा न करने को कहा और जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए सोमवार 5 अगस्त को बैठक रखी है। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा की मौजूदा बिल्डिंग को सोमवार को तोड़ दिया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि टोल प्लाजा की यह बिल्डिंग साल 2015 में बनी थी लेकिन टोल अभी तक चालू नहीं हुआ था।
इस मौके पर किसान नेता बलविंदर सिंह मानसा, बलविंदर सिंह जोधपुर, अमरजीत सिंह यात्री, गुरादित्ता सिंह माईसरखाना, राजा सिंह घुम्मण, भोला सिंह मौड़ चरत, मलकीत सिंह जोधपुर पाखर, करनैल सिंह यात्री, जग्गा सिंह मौड़ कलां, मिट्ठू सिंह कुब्बे, कर्नल इस मौके पर सिंह मौड़ खुर्द, प्यारा सिंह थमनगढ़, जगतार सिंह रामनगर, हरप्रीत सिंह बुर्ज, बलजीत सिंह संदोहा नेता मौजूद थे और इसके अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और लोग मौजूद थे।
पिछले साल भी तोड़ा था टोल प्लाजा
यह दूसरी बार है जब किसानों ने इसी हाइवे पर बंद पड़े टोल प्लाज़ा को तोड़ा है। इससे पहले 21 दिसंबर, 2023 को BKU (डकौंदा) ने मनसा जिले के हमीरगढ़ धिप्पी गांव के पास एक टोल प्लाज़ा को ध्वस्त कर दिया था। किसान संगठन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) पर भी दबाव बनाते रहे हैं।
बीकेयू (एकता डकौंदा) ने NHAI को मजबूर किया था कि वह बरनाला जिले में राज्य राजमार्ग के एक हिस्से पर स्थित एक टोल प्लाज़ा को राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से में स्थानांतरित करे। इसके अलावा, संगठन बाथिंडा-मुक्तसर रोड पर वारिंग गांव में एक अन्य टोल प्लाज़ा को बंद करने के लिए भी विरोध प्रदर्शन करता रहा है।
किसान ने दी ये सफाई
किसान संगठन का कहना है कि सड़क पर एक पुल के पास सड़क को चौड़ा नहीं किया गया, जैसा कि वादा किया गया था। किसान नेता मोहिंदर सिंह और रेशम सिंह यात्री ने कहा कि टोल प्लाज़ा को ध्वस्त करने से पहले हमने पिछले कई महीनों से विरोध प्रदर्शन किया था।
कई मौकों पर, अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ नहीं किया गया। लोगों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए हमने टोल प्लाज़ा को ध्वस्त करने का फैसला किया। क्योंकि गैर-कार्यात्मक प्लाज़ा के कारण पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। खासकर रात में, क्योंकि यहां रोशनी का कोई प्रावधान नहीं है।