साल 2022 खत्म होने में अब कुछ ही दिन बाकी है. दुनिया नए साल 2023 का इंतजार कर रही है. धार्मिक दृष्टि से देखें तो आने वाला साल 2023 बहुत ही महत्वपूर्ण होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार नए साल में अधिक मास भी होगा. आइए जानते हैं कब से लगेगा अधिक मास और क्या है ,
इसका महत्व हिंदू कैलेंडर में हर तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त माह आता है, जिसे अधिकमास कहते हैं. इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. साल 2023 में अधिक मास 18 जुलाई 2023 से शुरू हो रहे हैं जिसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा. अधिक मास में सूर्य की संक्राति नहीं होती है यानी पूरे माह में सर्य का राशि परिवर्तन नहीं होता है. इस कारण ये माह मलिन हो जाता है, यानी मलमास कहलाता है.
हिंदू धर्म में अधिक मास का विशेष महत्व है. इस माह के स्वामी भगवान विष्णु है. इसमें भले ही मांगलिक कार्य विवाह, नामकरण, जनेऊ संस्कार गृहप्रवेश की मनाही हो लेकिन इसमें पूजा-पाठ, जप, तप, व्रत-उपवास जैसे धार्मिक कार्यों करना बहुत लाभकारी होता है. मान्यता है कि इसमें इस माह में की गई पूजा पाठ दस गुना फल प्रदान करती है.
क्यों कहते हैं पुरषोत्तम मास?
पौराणिक कथा के अनुसार मलिन होने की वजह से सभी देवताओं ने इस मास का स्वामी बनने से इनकार कर दिया था तब मलमास ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की, विष्णु जी माह की प्रार्थना से प्रसन्न हुए और इस माह अपना नाम दिया. पुरुषोत्तम भगवान विष्णु को ही कहा जाता है. विष्णुजी ने इस माह को वरदान दिया कि जो भी भक्त इस माह में शिव का पूजन, धर्म-कर्म, भगवत कथा श्रवण, दान-पुण्य करेगा उसे कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होगा.