
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने शुक्रवार को कहा कि वह अब दोबारा कभी पाक रमजान में रोजादारी के समय बजट पेश नहीं करेंगे। बजट (Jammu Kashmir Budget) पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह वर्ष 2018 के बाद प्रदेश में पहला बजट है और बतौर वित्तमंत्री उन्होंने भी पहली बार ही बजट प्रस्तुत किया है। अगर कभी दोबारा पाक रमजान में बजट प्रस्तुत करना पड़ा तो स्पीकर से आग्रह करुंगा कि इफ्तार के बाद बजट प्रस्तुत करने की अनुमति दें।
1 घंटा 40 मिनट तक दिया भाषण
उन्होंने विधानसभा में एक घंटा चालीस मिनट तक भाषण दिया और वह भी बिना रुके। उन्होंने रोजा रखा हुआ था। बजट प्रस्तुत करने के बाद पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि रोजा रखते हुए पौने दो घंटे भाषण देने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई? इस पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बजट सत्र पहले ही बुलाया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि आज के अनुभव के बाद मैं कभी भी पाक रमजान में बजट प्रस्तुत नहीं करुंगा। बजट सत्र पहले बुलाऊंगा या बाद में। अगर कभी पाक रमजान में ही सत्र हुआ तो स्पीकर से हाथ जोड़ विनती करुंगा कि इफ्तार के बाद बजट प्रस्तुत करने की अनुमति दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे भाषण के बाद कुछ दिक्कत हुई है। मैं ठीक से बोल नहीं पा रहा था।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को खुले दिल से सराहा
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बजट पेश करते हुए जम्मू कश्मीर के आर्थिक विकास व अन्य विषयों में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की खुले दिल से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की। सभी ने हमेशा सहयोग किया।
पारंपरिक पोशाक में नजर आए अब्दुल्ला
नीले रंग के ब्लेजर और टोपी के साथ पारंपरिक खान सूट पहने अब्दुल्ला ने अपने डेढ़ घंटे से अधिक के भाषण की शुरुआत फारसी दोहे, तन हमा दाग दाग शुद- पुम्बा कुजा कुजा नेहम.. (मेरा पूरा शरीर जख्मों से छलनी है, मैं मरहम कहां लगाऊं) से की।एक घंटा चालीस मिनट तक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बजट भाषण पढ़ा। इस दौरान चार बार सत्ताधारी दल के विधायकों ने मेजें थपथपाई। बजट के दौरान किसी भी सदस्य ने कोई व्यवधान पैदा नहीं किया। सभी ने अपने स्थानों पर आराम से बैठ बजट भाषण सुना।