
आम आदमी पार्टी की सरकार का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने को है। ‘बदलाव’ का वादा करके सत्ता में आई पार्टी ने अपने इस वादे को कहां तक पूरा किया है? ड्रग्स, भ्रष्टाचार, गवर्नेंस आदि ऐसे कई सेक्टर हैं, जहां लोग बदलाव की तलाश कर रहे थे। क्या उनकी यह इच्छा पूरी हुई है?
पार्टी प्रधान के तौर पर अमन अरोड़ा इस पर क्या सोचते हैं? किसानों के आंदोलन को लेकर राज्य के लोगों को हो रही परेशानियों से वह कैसे निपटना चाहते हैं? इन सभी मुद्दों पर चंडीगढ़ स्थित दैनिक जागरण के कार्यालय में अमन अरोड़ा की वरिष्ठ पत्रकारों के साथ लंबी बातचीत हुई। पेश है उसके कुछ अंश।
1.) आम आदमी पार्टी बदलाव के नाम पर सत्ता में आई थी। अपनी सरकार के तीन वर्षों के कार्यकाल में आप क्या बदलाव देखते हैं?
पंजाब के अहम मुद्दों चाहे शिक्षा हो या स्वास्थ्य, युवाओं को रोजगार देने का मुद्दा हो, टेल एंड तक नहरी पानी पहुंचाना हो या ड्रग्स का विशेष मुद्दा, हम इन पर पहले दिन से ही काम कर रहे हैं। पिछली सरकारों की तरह हम मुद्दों पर राजनीति नहीं कर रहे हैं, उनका समाधान दे रहे हैं।
2.) क्या एक ऐसा बदलाव बता सकते हैं जो लोगों को दिखता हो?आप ड्रग्स की बात ले लो। पिछली सरकारों में उनके नेता, यहां तक कि मंत्रियों पर भी ड्रग्स में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं, परंतु हमारे एक भी नेता या विधायक पर इसका आरोप नहीं लगा। न ही कोई ऐसा है जिसने ड्रग्स का काम करने वालों को राजनीतिक संरक्षण दिया हो। यह छोटी बात नहीं है।
3.) ड्रग्स पकड़ने के जो आंकड़े सुखबीर बादल या कैप्टन अमरिंदर देते रहे हैं, वही आपकी सरकार भी दे रही है पर इनमें बड़ी मछलियां कहां हैं जिनकी आप विपक्ष में रहते हुए बात करते थे?
ड्रग्स से पैसा कमाकर अपने महल खड़े करने वालों पर जेसीबी मशीनें चलाकर एक संदेश दिया जा रहा है कि या तो यह धंधा छोड़कर मुख्यधारा में आ जाओ, नहीं तो प्रदेश छोड़ दो। पिछली सरकारों में यही लोग राजनीतिक संरक्षण लेकर सरकारी जमीनों पर कब्जे करके अपने लिए बड़े-बड़े घर बना रहे थे जिसे देखकर दूसरे लोग भी इस धंधे में शामिल हो रहे थे। अब उन्हें साफ संदेश है कि ऐसा नहीं चलेगा।
4.) यह बुलडोजर बर्खास्त एआइजी राजजीत या पूर्व मंत्रियों पर क्यों नहीं चल रहा है?
राजजीत हो या कोई पूर्व मंत्री, यदि उसका घर सरकारी जमीन पर होगा और अवैध तरीके से बनाया गया होगा तो उस पर भी बुलडोजर चलाया जाएगा। देयर इज ए ला ऑफ द लैंड…यदि किसी जांच में किसी का भी नाम नशे के कारोबार में आता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम कोई राजनीति नहीं कर रहे, न ही कोई राजनीतिक बदलाखोरी।
5.) तो क्या इसे यह माना जाए देर आयद-दुरुस्त आयद या सब कुछ लुटाकर होश में आए?
देर आयद-दुरुस्त आयद की बात नहीं है। हरेक एक्शन का एक समय होता है। तीन वर्षों से ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई चल रही थी। प्रयास जारी थे। यह तो हमारा अंतिम प्रयास है। इसे मैं समय-सीमा में नहीं बांध सकता। अब दो माह लगें या दो वर्ष, ड्रग्स को जड़ से समाप्त किए बिना यह अभियान रुकने वाला नहीं है।
6.) आपकी इस कार्रवाई पर न तो मीडिया सवाल उठा रहा है और न ही विपक्ष पर आपके अपने विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह इसे संदेह से देख रहे हैं। पार्टी प्रधान क्या इसे अनुशासनहीनता नहीं मानते?
कुंवर विजय प्रताप हमारे बड़े भाई हैं। कोई भी फैसला यदि लिया गया है तो वह सरकार की ओर से लिया गया है। कुंवर विजय प्रताप के अपने व्यक्तिगत विचार तो हो सकते हैं, परंतु सरकार की मंशा पर सवाल नहीं खड़े किए जा सकते। यहां प्रजातंत्र है, हर कोई अपना विचार रख सकता है।
7.) आज एक विधायक सरकार की नीतियों व नीयत पर सवाल खड़े कर रहा है, कल 30 और फिर 60 करेंगे.. क्या तब भी पार्टी प्रधान का यही स्टैंड होगा कि प्रजातंत्र है … बोलने की आजादी है?
भगवान ने पांच अंगुलियां एक-सी नहीं बनाई हैं और न ही सबकी शक्लें एक जैसी हैं। अब जब पूरा पंजाब एक ओर है तो मैं पूरे पंजाब की सुनूंगा या फिर एक बड़े भाई की।
8.) चलिए, अब किसानों के धरनों पर बात करते हैं। जब दिल्ली बार्डर पर धरना था तो आम आदमी पार्टी प्रदर्शनकारियों को पलकों पर बिठा रही थी, आज पंजाब बार्डर पर धरना है तो वही आम आदमी पार्टी आंखें दिखा रही है। ऐसा दोहरा स्टैंड क्यों?
हमने अपना स्टैंड नहीं बदला है। हम तब भी कहते थे कि दिल्ली देश की राजधानी है। किसानों को वहां जाने देना चाहिए था। किसानों की बात सुनी जाए। पहले दिल्ली के बार्डर पर उन्होंने रोक लिया, अब हरियाणा सरकार ने रोक लिया। जितने भी पंजाब में उद्योगपति उद्योग लगाने के लिए आना चाहते हैं, वे हरियाणा से ही वापस चले जाते हैं। इस स्थिति को हर हाल में बदलना होगा l
9.) पर किसान तो आपकी सरकार से भी बात करना चाहते हैं
जो मसले हमारे हैं, हम उन पर बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक न होने के बावजूद उन्होंने घंटों किसानों से बात की पर चंद लोग पूरे पंजाब को जाम व धरनों से बंधक बनाकर रखना चाहते हैं, ऐसा तो नहीं होने दिया जा सकता है। हमें उन वर्गों की भी चिंता है, जिनका कारोबार प्रभावित हो रहा है।
10.) आप एंटी करप्शन मुहिम से निकली पार्टी है पर पंजाब में यह मुहिम फेल हो गई।
आप ऐसा कैसे कह सकते हैं। पंजाब में भ्रष्टाचार करने वालों को पकड़वाने के लिए हमने टोल फ्री नंबर जारी किया हुआ है। विजिलेंस को मजबूत किया है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस है।
11.) लेकिन, आपके अपने विधायकों पर लगे आरोपों पर न तो केस चले, न ही उन्हें पार्टी से निकाला गया। पहले विजय सिंगला, फिर अमित रतन कोटफत्ता और अब नरिंदर कौर भराज?
देखिए, जो आप डॉ. विजय सिंगला व अमित रतन कोटफत्ता की बात कर रहे हैं, इन मामलों को मुख्यमंत्री भगवंत मान देख रहे हैं। यह उनका अपना अधिकार क्षेत्र है। जहां तक संगरूर की विधायक नरिंदर कौर भराज की बात है तो जो आरोप लगे हैं, उनकी जांच के लिए विशेष जांच कमेटी का गठन किया गया है। एसआइटी अपना काम कर रही है। जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई हो जाएगी।
12.) आप अधिकार क्षेत्र की बात कर उलझा रहे हैं, लेकिन आमराय तो यह है कि आपकी सरकार व अफसरों में अविश्वास हो रहा है इसीलिए आए दिन बड़े स्तर पर तबादले होते रहते हैं। साफ है कि ठीकरा अफसरों पर फोड़ा जा रहा है?
अविश्वास की कोई बात नहीं है। मेरा अपने अफसरों से अच्छा तालमेल है, लेकिन जो बदलाव किया गया है, वह नियमित प्रक्रिया है। एक व्यक्ति को एक ही सीट पर नहीं बिठाया जा सकता।
13.) पंजाब की बिगड़ रही आर्थिक स्थिति पर भी बात कर लेते हैं। दिल्ली में मुफ्त की रेवड़ियों का कोई असर नहीं हुआ? क्या आपको लगता है कि पंजाब में यह दांव चलेगा?
आप जो कह रहे हैं, वह विचारणीय है। देश भर में इस पर बहस हो रही है। इस पर विचार किया जाना चाहिए।
14.) इसी महीने सरकार बजट पेश करने जा रही है। क्या राज्य की महिलाएं यह आस करें कि आप उन्हें 1000 रुपये देने का वादा पूरा करेंगे?
इस बजट में एक हजार रुपये महिलाओं को मिलेंगे या नहीं, इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता। बजट सीक्रेट होता है। इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अधिकार केवल मुख्यमंत्री को होता है पर हमने जो वादा किया है, वह पूरा जरूर किया जाएगा। राज्य सरकार लोगों से किया हर वादा पूरा करने के लिए वचनवद्ध है।
15.) राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा को कैबिनेट में लाकर क्या अरविंद केजरीवाल को राज्यसभा में भेजने का रास्ता साफ किया जा रहा है?
(काउंटर सवाल करते हुए) किसने कहा? क्या हमारे पार्टी प्रवक्ता ने कहा है या मुख्यमंत्री ने? l16.) मंत्री या प्रवक्ता ने तो नहीं कहा, आम चर्चा चल रही है बातें चलने के लिए होती हैं, चलने दें।
मैं कभी भी इस रेस का हिस्सा नहीं रहा। मैंने न तो टिकट मांगी, न मिनिस्ट्री। अपना एक लक्ष्य है। जो काम मिल गया, उसे अंत तक लेकर जाना है।
( हंसते हुए) इसका मतलब यह है कि लोग मान रहे हैं कि हमने लुधियाना विधानसभा पश्चिम सीट जीत ली है। यह बात मुझे अच्छी लगी।
17.) क्या अमन अरोड़ा सीएम के पद की दौड़ में हैं?
मैं कभी भी इस रेस का हिस्सा नहीं रहा। मैंने न तो टिकट मांगी, न मिनिस्ट्री। अपना एक लक्ष्य है। जो काम मिल गया, उसे अंत तक लेकर जाना है।
18.) कांग्रेस ने सुनील जाखड़ को सीएम नहीं बनाकर गलती की तो क्या आपको पंजाब की कमान सौंपकर पार्टी हिंदू वोटरों को रिझाने का दांव खेल रही है
हमें अपनी विरासत को देखना चाहिए। गुरु साहिब ने कश्मीरी पंडितों के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। वहीं, दीवान टोडर मल ने गुरु साहिब के साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए अपना सब कुछ वार दिया। ऐसे पंजाब में यदि हम हिंदू-सिख-मुस्लिम की बात करेंगे तो यह अपनी विरासत का निरादर करने जैसा होगा।
मैं गुरु नानक देव का खत्री पुत्र हूं। ओहदा कोई भी हो उसका मानक एक ही होना चाहिए मेरिट, मेरिट और मेरिट। जब दो प्रतिशत आबादी से डॉ. मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया, तब तो किसी ने यह नहीं कहा कि दो प्रतिशत आबादी वाले को प्रधानमंत्री क्यों बना दिया गया