
कर्नाटक सरकार ने हाल में अपना बजट पेश किया। इस बजट को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार को घेरा। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने सोमवार को राज्य के बजट की आलोचना करने के लिए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा।
दरअसल, राज्य सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि अगर यह ‘हलाल’ बजट और पाकिस्तान बजट है, तो केंद्र सरकार अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय भी चलाती है, क्या इसका मतलब यह है कि केंद्र सरकार भारत के भीतर एक पाकिस्तान बना रही है? जब भी भाजपा अपनी जमीन और लोकप्रियता खो रही होती है, तो वे अपनी आजीविका को बनाए रखने के लिए मुस्लिम एंगल को सामने लाते हैं।
बीजेपी के भीतर कलह: कांग्रेस
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र ने मदरसा शिक्षकों के वेतन को तीन गुना बढ़ा दिया है। उन्होंने मौलाना आज़ाद विकास निगम बोर्ड के लिए 1000 करोड़ रुपये दिए हैं। क्या यह तुष्टिकरण नहीं है? भाजपा के भीतर बहुत अधिक कलह है, और इसे छिपाने के लिए वे ये चीजें सामने ला रहे हैं।
बीजेपी ने विरोध करने का किया एलान
- राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद आज भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेन्द्र ने कहा कि भाजपा कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का विरोध करेगी।
- बी.वाई. विजयेन्द्र ने कहा कि भाजपा मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, लेकिन हम कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ हैं। उन्होंने आगे कहा कि कल, मैं उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को देख रहा था। उन्होंने भाजपा को मुस्लिम समुदाय को बड़े पद देने की चुनौती दी थी। उन्होंने भाजपा को मुस्लिम समुदाय को एमएलसी और राज्यसभा सांसद देने की चुनौती दी थी।
- मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि यह भाजपा ही है जिसने डॉ. अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति और नजमा हेपतुल्ला, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और मोहम्मद आरिफ खान को राज्यों के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया था।
बीजेपी ने बताया हलाल बजट
कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेन्द्र ने कहा कि हम इस मुद्दे पर बहुत स्पष्ट हैं और हम निश्चित रूप से कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का विरोध करेंगे। सरकारी ठेकों में 4 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान कहां है? क्या यह संवैधानिक है? हम इस कदम का विरोध करने जा रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई ने कर्नाटक सरकार के बजट की कड़ी आलोचना की थी और इसे हलाल बजट कहा था और आरोप लगाया था कि यह अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए है।