
लद्दाख के साथ एक हाथ ले एक हाथ दे की नीति अपनाई
विधानसभा में 13 मांगे और 12 अनुपूरक मांगे रखी गईं
विधानसभा में 13 मांगें और 12 अनुपूरक मांगें रखी गईं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में 13 मांगें और 12 अनुपूरक मांगें रखीं, जिन्हें बाद में स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने चर्चा के लिए सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री के प्रभार वाले विभागों के अनुदान मांग प्रस्ताव पर चर्चा शुरु हुई है।
चर्चा से पूर्व उमर ने अपने विभागों के लिए प्रस्तावित बजटीय प्रविधानों का उल्लेख करते अनुदान मांगें रखीं। ये अनुदान मांगें सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त, आवास, विद्युत विकास, पर्यटन, राजस्व, विधि, आपदा प्रबंधन, आतिथ्य एवं प्रोटोकाल, नागरिक उड्डयन, संस्कृति, संपदा, सूचना एवं योजना विभागों से संबंधित हैं तथा इन विभागों का प्रभार मुख्यमंत्री के पास है।
अनुदान मांगों पर चर्चा 20 मार्च तक जारी रहेगी और 20 मार्च की दोपहर को अनुदान मांगों पर उत्तर देंगे। जमाबंदी के डिजिटलीकरण में सावधानी बहुत जरूरी मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जमाबंदी के डिजिटलीकरण में पूरी सावधानी बरती जा रही है। इसमें जल्दबाजी करने से गड़बड़ी हो सकती है।
लालचौक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक अहसान परदेसी के सवालों को जवाब देते उमर ने कहा कि बलहामा के लिए जमाबंदी का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है, लसजान की समीक्षा की जा रही है। इस दौरान अगर कोई त्रुटि सामने आती है तो उसे ठीक किया जा रहा है। नागरिकों द्वारा उनके मामलों की शिकायत के आधार पर इसे देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जल्दबाजी के बजाय सावधानी की बहुत जरूरत है।