
अब तक क्या-क्या हुआ?
10 मार्चः शुभकरण मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा।
16 मार्च: लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगी, लेकिन किसानों ने पक्का मोर्चा लगा दिया।
1 अप्रैल: शुभकरण की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
17 अप्रैलः गिरफ्तार किसानों की रिहाई की मांग को लेकर किसान रेलवे ट्रैक जाम कर बैठ गए।
20 मईः किसानों ने रेलवे लाइन से हटने का फैसला लिया, लेकिन बॉर्डरों पर मोर्चा चलता रहा।
10 जुलाईः हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर एव सप्ताह में खोलने के आदेश दिए।
16 जुलाईः किसानों ने चंडीगढ़ में मीटिंग की। कहा, बॉर्डर खुला तो वह फिर से दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
22 जुलाई: हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपन पक्ष रखने के लिए समय की रखी मांग।
24 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा।
12 अगस्तः सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एंबुलेंस बुजुर्गों और छात्राओं के लिए शंभू बॉर्डर की एक न खोलने का आदेश दिया।
25 अगस्तः शंभू बॉर्डर खोलने पर किसानों और पंजाब हरियाणा के पुलिस अधिकारियों की बैठक विफल।
2 सितंबरः शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई।
18 नवंबर: किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का एलान किया।
26 नवंबर: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया, आमरण अनशन शुरू।
6 दिसंबर: शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की। हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस से खदेड़ा।
8 दिसंबर: फिर दिल्ली कूच की कोशिश की। हरियाणा पुलिस ने एंट्री नहीं दी। किसान लौटे।
14 दिसंबर: किसानों ने चौथी बार दिल्ली मार्च की कोशिश की। हरियाणा पुलिस के रोकने पर मार्च टाल दिया गया।
30 दिसंबर: आंदोलन के समर्थन में किसानों ने पंजाब बंद किया।
12 फरवरी 2025: एक वर्ष पूरे होने पर खनौरी बॉर्डर पर किसानों ने की महापंचायत।
14 फरवरी: केंद्र के साथ किसान नेताओं की बैठक।
22 फरवरी: किसानों नेताओं की केंद्र के साथ बैठक बेनतीजा रही।