
पंजाब विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार 21 मार्च से शुरू होगा। सत्र के शुरू होने से पहले ही विपक्ष के हाथों में सरकार को घेरने का मुद्दा लग गया है। पटियाला में कर्नल पुष्पिंदर बाठ और उसके बेटे को पुलिस द्वारा पीटने की घटना के साथ ही शंभू व खनौरी बॉर्डर से किसानों को बलपूर्वक हटाना सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।
इसी बीच वीरवार देर शाम को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 26 मार्च को विधानसभा में पेश किए जाने वाले बजट को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि कैबिनेट की ओर से पास किए गए बजट को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है।
उनकी मंजूरी मिलने के बाद 26 मार्च को इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। शुक्रवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान सबसे पहले राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का अभिभाषण होगा। 26 मार्च को वित्तमंत्री हरपाल चीमा बजट पेश करेंगे।
महिलाओं को कब मिलेंगे 1000 रुपये
इस बजट में देखने वाली बात होगी कि क्या 3.53 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी आप सरकार महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने के वादे को लेकर कोई घोषणा करती है या नहीं। सरकार पर इस बात को लेकर भी दबाव होगा कि दिल्ली और हरियाणा की भाजपा सरकार ने करीब 5 हजार करोड़ रुपये का बजट महिलाओं के लिए रखा है।
कांग्रेस ने पहले ही महिलाओं से किए गए वादों पर सरकार को घेरने के लिए अपनी बाहें चढ़ा ली है। वहीं, सरकार के पास एक साल से अधिक समय से बंद पड़े शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोल कर यातायात को सुचारु बनाने, नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जैसी उपलब्धियां गिनवाने का बड़ा मौका होगा।
‘मान सरकार किसानों के खिलाफ नहीं’
दूसरी तरफ विपक्ष लंबे समय से सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर पंजाब को पुलिस राज्य बनाने का आरोप लगा रहा है। ऐसे में नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में घरों पर चल रहे बुलडोजर और पुलिस कर्मियों द्वारा कर्नल के साथ की गई मारपीट ने विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा दे दिया है।
हालांकि, सरकार के लिए राहत वाली बात यह है कि विपक्षी पार्टियां कभी भी एकजुटता का परिचय नहीं दे पाई हैं। सरकार ने भले ही बार्डर को खाली करवा दिया हो लेकिन विपक्षी पार्टियों की तरफ से हो रहे हमले को देखते हुए आप के नेता थोड़े विचलित नजर आ रहे हैं। इसी कारण किसानों पर कार्रवाई करने के बाद भी आप के मंत्री लगातार यह संदेश देने की कोशिश में जुटे हैं कि सरकार किसानों के खिलाफ नहीं हैं।
कांग्रेस की अग्नि परीक्षा
बजट सत्र मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं रहेगा क्योंकि अभी तक कांग्रेस के विधायक कभी भी सत्ता पक्ष के लिए चुनौतियां नहीं खड़ी कर पाए हैं। प्रमुख कारण यह भी है कि सदन में भी कांग्रेस की एकजुटता नहीं दिखती। कमोवेश यही स्थिति भाजपा के दो विधायकों की भी है जोकि सदन में कम ही दिखाई देते हैं।