
पंजाब के राजनीतिक दलों आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने परिसीमन का विरोध करने की घोषणा की है। शनिवार को चेन्नई में मुख्यमंत्री भगवंत मान , शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भूंदड़ और डॉ दलजीत सिंह चीमा ने इसके खिलाफ हुए सम्मेलन में इसका विरोध किया।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा आयोजित सम्मेलन में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि भाजपा उन राज्यों में सीटें कम करने का का काम कर रही है जहां वह जीत नहीं सकती। हम लोकतंत्र को कमजोर करने के भगवा पार्टी के नापाक मंसूबों को सफल नहीं होने देंगे।
‘परिसीमन का उद्देश्य विपक्षी दलों को खत्म करना है’
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार के इस मनमाने कदम का उद्देश्य केवल उन राज्यों में सीटें कम करके विपक्षी दलों को खत्म करना है, जहां भाजपा जीत नहीं सकती। इसके विपरीत भाजपा हिंदी पट्टी में सीटें बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है, जहां उन्हें अधिक सीटें मिलती हैं। यह हास्यास्पद है कि दक्षिण भारत में जनसंख्या घनत्व के नाम पर सीटें कम की जा रही हैं।
अकाली दल ने भी किया विरोध
उधर, शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि जनसंख्या संदर्भ को 1971 की जनगणना के अनुसार फ्रीज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में राष्ट्रीय जनसंख्या वृद्धि के आधार पर अतिरिक्त लोकसभा सीटें आवंटित की जानी चाहिए। परिसीमन प्रक्रिया के दौरान उन राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए , जिन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति के अनुरूप अपनी जनसंख्या पर सफलतापूर्वक नियंत्रित किया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल ने भी राष्ट्रीय आयोग को दिए प्रस्ताव में संघीय ढ़ांचे के साथ तालमेल बिठाने के लिए राज्यपालों की भूमिकाओं में सुधार करने, अनुच्छेद 356 को हटाने का आहवाहन किया था, जो केंद्र द्वारा राज्य सरकारों को भंग करने की अनुमति देता था और राज्यों को उनकी स्थानीय आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार अपनी योजनाओं का मसौदा तैयार करने की अनुमति देता था।
परिसीमन के मुद्दे पर हुई थी बैठक
परिसीमन के मुद्दे को लेकर द्रमुक के नेतृत्व में शनिवार को बुलाई गई संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की बैठक में दक्षिणी राज्यों ने केंद्र से मांग की कि 1971 की जनगणना के आधार पर अगले 25 वर्षों तक संसदीय सीटें यथावत रखी जाएं यानी इनसे कोई छेड़छाड़ न की जाए।