
जीएसटी से अधिक सब्सिडी का बोझ
आमदनी के सबसे बड़े स्रोत जीएसटी (25,750 करोड़ चालू वित्त वर्ष के बजट में अनुमानित) से अधिक सब्सिडी का बोझ अलग से है। यह बिजली के रूप में 22,020 करोड़ और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में 5,000 करोड़ है। ऐसे में महिलाओं को एक हजार देने की हिम्मत हरपाल चीमा को यदि दिखानी है तो उन्हें बजट में यह भी बताना होगा कि आखिर इतनी बड़ी राशि का प्रबंध कहां से करेंगे।
बजट में नशे के खिलाफ अभियान पर रहेगा फोकस
नशे के खिलाफ सरकार ने अभियान छेड़ा है। बजट में इसे जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए और क्या प्रयास होंगे, इसका खाका भी वित्त मंत्री खींचेंगे। चीमा स्वयं नशे के खिलाफ युद्ध के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी के चेयरमैन हैं। सरकार ने नशे की सप्लाई चेन तोड़ने के बाद नशा करने वालों को अस्पतालों में भर्ती करवाया है।
ठीक होने के बाद उन्हें स्किल डेवलपमेंट सेंटरों में प्रशिक्षण मिलेगा, ताकि वे अपना काम-धंधा शुरू कर सकें। शिक्षा भगवंत मान सरकार का सबसे पसंदीदा विषय है। पिछले बजट में सरकार ने स्कूल आफ हैप्पीनेस खोले थे। अब इनको और गति वित्त मंत्री दे सकते हैं।
बजट में और एमिनेंस स्कूल खोलने की घोषणा भी हो सकती है। बिजली सब्सिडी नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती है इसलिए सोलर ऊर्जा योजना की घोषणा निश्चित है। विभाग के मंत्री अमन अरोड़ा ने मंगलवार को संकेत भी दिए कि किसान (ट्यूबवेल) मोटरों पर सोलर ऊर्जा पंप लगा लें तो सरकार बिजली खरीद कर उन्हें पैसा देगी। इससे किसानों की आय बढ़ेगी व बिजली सब्सिडी भी कम होगी।