
महल सिंह का भाई सुखदेव सिंह भी बीकेआई का सदस्य था
भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे गांव दासूवाल निवासी जिंद सिंह और मां हरनाम कौर के चार बेटे और तीन बेटियां थी। दो बेटे रसाल सिंह और अंग्रेज सिंह कृषि का कारोबार करते थे जबकि उनसे छोटा महल सिंह और सुखदेव सिंह वर्ष 1986 में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई)से जुड़कर आतंकी वारदातों को अंजाम देते थे। वर्ष 1989 में दोनों को पुलिस ने भगौड़ा घोषित कर दिया था।सुखदेव सिंह बब्बर की भी वर्षों पहले मृत्यु हो गई थी। जबकि महल सिंह बब्बर के खिलाफ अमृतसर, जालंधर, गुरदासपुर, फरीदकोट,फिरोजपुर में कई बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम देने के मामले दर्ज है।
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में मास्टरमाइंड था
किडनी खराब होने के कारण हुई मौत
खुफिया अधिकारियों की मानें तो पाकिस्तान के गुरुद्वारा तंबू साहिब (श्री ननकाना साहिब) में महल सिंह बब्बर रहता था। उक्त गुरुद्वारा साहिब में बकायदा सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी, जिसके कारण गुरुद्वारा साहिब में आम संगत कोई भी धार्मिक समागम नहीं करती थी।