
सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने का संयंत्र लगाने वाली कंपनी से पांच प्रतिशत कमीशन मांगे जाने के मामले में आईएएस अभिषेक प्रकाश की सबसे ज्यादा मुश्किल उनका निलंबन आदेश ही बढ़ा सकता है। निलंबन आदेश में इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक प्रकाश के विरुद्ध एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता की शिकायत का आधार बनाया गया है।
20 मार्च को की गई शिकायत में आरोप था कि इकाई स्थापना के लिए इन्वेस्ट यूपी को ऑनलाइन भेजे गए प्रार्थनापत्र पर मूल्यांकन समिति की बैठक में विचार हुआ था। इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें निकान्त जैन का नंबर देकर उनसे बात करने को कहा। निकान्त से बात करने पर पांच प्रतिशत कमीशन मांगे जाने का खेल शुरू हो गया।
कमीशन मांग रहे निकान्त जैन के विरुद्ध गोमतीनगर थाने में दर्ज एफआईआर में भी वरिष्ठ अधिकारी का जिक्र है। मामले में कोर्ट ने भी विवेचक को इन्वेसट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी की संलिप्तता स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका साफ करने के लिए निकान्त जैन के बयान सबसे महत्वपूर्ण होंगे। ऐसे में पुलिस उसे जल्द पुलिस रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है।
निकान्त जैन की कॉल डिटेल होगी महत्वपूर्ण
इस मामले में निकान्त जैन की कॉल डिटेल भी बेहद महत्वपूर्ण होगी। काल डिटेल से साफ होगा कि निकान्त जैन किन लोगों के अधिक संपर्क में था। निलंबित आइएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के विरुद्ध कानूनी शिकंजा कसता नजर आ रहा है। विभागीय जांच के साथ ही पुलिस जांच में उनका निलंबन आदेश गले की फांस बन सकता है। कमीशनखोरी के मामले में निकान्त की भूमिका सामने आने के बाद उनकी कंपनियां की छानबीन भी हो रही है।
डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में भी फंसे अभिषेक प्रकाश
सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कंपनी से कमीशन के आरोप में अभिषेक प्रकाश को बीते दिनों निलंबित किया जा चुका है। डिफेंस कॉरिडोर के नाम पर किए गए भूमि घोटाले में भी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी मामले में आरोपित 15 अन्य अधिकारियों को भी निलंबित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं। जिन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं उनमें चार तत्कालीन एसडीएम और एक एडीएम(प्रशासन) भी शामिल हैं।