
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा नगर निगम गुरुग्राम को सेक्टर ट्रांसफर किए जाने के आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी नगर निगम को उससे मिलने वाली राजस्व की राशि का एक प्रतिशत भी प्राप्त नहीं हुआ है।
2016 में जब एचएसवीपी ने नगर निगम को विभिन्न सेक्टर सौंपे थे, तब यह शर्त तय की गई थी कि इन सेक्टरों में रहने वाले आवंटियों से वसूली जाने वाली एक्सटेंशन फीस, ट्रांसफर फीस और अन्य राजस्व की 75 प्रतिशत राशि हर माह नगर निगम को दी जाएगी।
निगम अधिकारियों की कार्यक्षमता पर उठे सवाल
इसके अतिरिक्त, इन सेक्टरों में बिकने वाली अनसोल्ड साइट्स पर होने वाले मुनाफे का 50 प्रतिशत हिस्सा भी नगर निगम को दिया जाना था। हालांकि, आठ वर्षों बाद भी नगर निगम के अधिकारी एचएसवीपी से इस मद में एक रुपया भी वसूल नहीं कर पाए हैं।
नगर निगम को कितनी राशि मिलनी चाहिए?
इस मुद्दे को मंगलवार की सदन की बैठक में वार्ड 22 से निगम पार्षद विकास यादव ने जोरदार तरीके से उठाया भी हैं। यदि निगम इस प्रकार से अपने राजस्व को नहीं वसूलेगा तो आने वाले समय में निगम को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता हैं। इस संबंध में निगम आयुक्त से बात करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।