इन बदलावों को देखते हुए ऐसा माना जा सकता है कि कंपनियों को यह समझ आ रहा है कि ड्राइवर की संतुष्टि और सुरक्षा के बिना कोई भी टेक्निक लंबी नहीं टिक सकती है। टच स्क्रीन अपनी जगह ठीक है, लेकिन अब समय आ गया है कि कंपनियां संतुलित, आसान और सेफ डिजाइन की ओर लौट जाए।