
मौसम के अचानक बदले मिजाज ने शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में कहर बरपा दिया। आंधी-आग के आतंक ने छह जिलों में 650 एकड़ से ज्यादा में गेहूं की पककर तैयार खड़ी फसल और भूूसे के लिए छोड़े फाने (फसल अवशेष) जलकर राख हो गए।
छह जिलों सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, कुरुक्षेत्र व कैथल में आगजनी की 48 से ज्यादा छोटी-बड़ी घटनाएं हुईं। आंधी के कारण स्थिति और बिगड़ गई
सिरसा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 250 से ज्यादा एकड़ में फसल-फाने जले हैं। आंधी के बीच आग इतनी तेजी से फैलती गई कि इस पर काबू पाने के लिए प्रशासन को सिरसा एयरफोर्स स्टेशन से भी दमकल वाहन मंगाने पड़े।
वहीं, कुरुक्षेत्र में चंद्रभानपुर गांव में खेतों में लगी आग आबादी के करीब तक पहुंच गई। लोगोंं को घरों से निकल सड़क पर आना पड़ा। यहां पिहोवा रोड पर भी आग व धुंए के कारण आधा घंटा से ज्यादा ट्रैफिक को बंद रखा गया। इसी बीच वर्षा के प्रभाव से ही बड़ी घटना काबू आ पाई।
इन जिलों में किसानों की फसलों को नुकसान
- हिसार: ओले भी गिरे, आगजनी से भी फसल को हुआ नुकसान हिसार के बरवाला में वर्षा-ओले और आग से नुकसान हुआ। बालसमंद, मय्यड़, डाटा गांव में गेहूं व फानों में आग लग गई।
- कैथल/फतेहाबाद: आग में फसल के साथ कंबाइन भी जल गई
- सिरसा जिला में नाथूसरी चौपटा खंड के अंदर गांव लुदेसर व रूपाना खुर्द के बीच करीब 250 एकड़ गेहूं और फाने में जले हैं। फतेहाबाद के रतिया खंड के गांव लठेरा और कैथल के कैलरम जिले में फसल के साथ कंबाइन मशीन भी आगजनी में जली गई।
- पानीपत: 13 एकड़ में फसल और 30 एकड़ में फाने जले।
- समालखा के मनाना रोड पर कुछ किसानों की करीब साढ़े 13 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल और लगभग 30 एकड़ में फाने जलकर राख बन गए।
किसानों ने बयां किया दर्द
इस बीच किसानों ने ट्रैक्टर के पीछे हैरो जोड़कर जुताई करते हुए आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन अधिक सफलता हासिल नहीं हुई। इस पर किसानों ने कहा कि फसल के जल जाने से उनकी मेहनत और पूंजी दोनों पर पानी फिर गया है। फसल बचाने की लाख कोशिशें की लेकिन आग इतनी तेज थी कि उस पर काबू नहीं पा सके। किसानों ने कहा कि ओले गिरने से पक्की-पकाई फसल भी नष्ट हुई है। वहीं मंडी में पड़ा अनाज भी भीग गया है।
मौसम विभाग ने शनिवार के लिए बारिश और आंधी का रेड अलर्ट जारी किया है। इसमें कुछ शहरों में आंधी के साथ बारिश हो सकती है। इसके अलावा बिजली और ओलावृष्टि की भी संभावना है। कई जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।
मेहनत पर फिरा पानी
उठान न होने से प्रदेशभर में अनाज मंडियों गेहूं से अटी पड़ी हैं। खुले आसमान में सड़कों तक ढेर लगे हैं। शुक्रवार शाम को वर्षा होने पर मंडियों में हजारों टन गेहूं भीग गया। जब मौसम बदला तो किसान अपनी फसल को वर्षा से बचाने के लिए तिरपाल से फसल को ढकते देखे, लेकिन मेहतन पर पानी फिर गया।
भारत मौसम विभाग ने वर्षा की संभावना जताई थी। दिन के समय ज्यादा गर्मी होने के कारण हिसार के बालसमंद का अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा रहा। शाम को मौसम में अचानक से बदलाव हुआ। तेज आंधी चली।
उत्तर हरियाणा के जिलों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली। हिसार, यमुनानगर, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, बहादुरगढ़, जींद, रोहतक, सोनीपत जिलों में वर्षा हुई। वर्षा से किसान परेशान हुए हैं।
फसल को नुकसान हुआ है। हिसार के बरवाला क्षेत्र में ओले गिरे। वहीं, बिजली के खंभे और पेड़ गिरने से आमजन को परेशानी हुई। पानीपत समेत कई जिलों में बिजली सप्लाई प्रभावित रही। शनिवार को उत्तर हरियाणा में वर्षा की संभावना है