
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir Disaster) के रामबन जिले (Ramban Disaster) में बादल फटना कोई नया हादसा नहीं है। कभी हाईवे बंद हुआ और कभी नुकसान भी हुआ। मगर रविवार तड़के मलबा ऐसे टूटा जैसे बादलों ने सिर्फ तबाही का इरादा किया हो।
बादल फटने से आई तबाही से डरे लोग
स्थानीय निवासी सोनू कुमार, मोहम्मद इस्माईल, मुर्तजा वानी और राम सिंह की आंखों में अब भी उस खौफ का अक्स तैर रहा है। उनके मुताबिक, जहां मलबा (Ramban Disaster) आया वो कोई नाला नहीं था, बल्कि दो दशक पहले एक बादल फटने की घटना के बाद वहां पानी के बहाव के साथ पहली बार मलबा आया था।
लेकिन किसी को इतना गहरा खतरा कभी महसूस नहीं हुआ। करीब 10-12 साल पहले भी बादल फटने से भी मलबा आया था, तब सिर्फ हाईवे बाधित हुआ था और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
लोगों ने कहा- ऐसा मंजर पहली बार देखा
इसी तरह गूल के धाडम इलाके में एक दशक पहले जमीन धंसने की घटना याद है लोगों को, और ढाई साल पहले परनोत में बरसात (Ramban Disaster) से मकानों को नुकसान भी हुआ था। लेकिन इस बार जो हुआ, वो कुदरत का प्रकोप था। ऐसा मंजर उन्होंने न कभी देखा, न सुना।
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir Disaster) के रामबन (Ramban Disaster) में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। स्थानीय निवासियों के अनुसार उन्होंने ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा था। यह कुदरत का प्रकोप था जिसने इलाके में भारी नुकसान पहुंचाया। बादल फटने से लोग दहशत में हैं और नुकसान का मंजर बयां कर रहे हैं। पहले भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं लेकिन इस बार की तबाही अभूतपूर्व है।