
जीत की उम्मीदें धूमिल हो चुकी
वहीं, आठ सीटों वाली कांग्रेस के महापौर पद के प्रत्याशी मंदीप सिंह की जीत की उम्मीदें धूमिल हो चुकी हैं। ऐसे में हार देख कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव की प्रक्रिया होने से पहले ही अपना नाम वापस ले सकते हैं, जिससे नया महापौर निर्विरोध चुने जाने की भी संभावना है।
चौथी बार लगातार पीठासीन अधिकारी नियुक्त हुई
2023 से महापौर चुनाव में वह चौथी बार लगातार पीठासीन अधिकारी नियुक्त हुई हैं। वह भाजपा से तीसरी बार पार्षद बनी हैं, इसलिए वरिष्ठता के आधार पर उनको हर बार पीठासीन अधिकारी बनाया जाता है। भाजपा के महापौर प्रत्याशी के चुनाव जीतते ही यह दूसरा मौका होगा, जब दिल्ली में नगर निगम से लेकर विधानसभा और केंद्र में भाजपा की सरकार बनेगी।
जनहित में महापौर चुनाव का बहिष्कार करने का लिया है निर्णय: अंकुश नारंग
आप के वरिष्ठ पार्षद अंकुश नारंग, मुकेश गोयल और शैली ओबेराय ने महापौर चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है। आप नेताओं का कहना है कि वह दिल्ली की जनता के हित में महापौर व उप महापौर चुनाव में भाग नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार हो जाएगी। अब भाजपा पूरी तरह से दिल्ली को संभाले। हमें उम्मीद है कि भाजपा दिल्ली की जनता से किए अपने सारे वादों को पूरा करेगी और कोई भी बहाना नहीं बनाएगी। आप विपक्ष की भूमिका बड़ी रचनात्मक तरीके से निभाएगी और भाजपा को उसकी जिम्मेदारी याद दिलाएगी।
महापौर व उप महापौर चुनाव में कौन-कौन करता है मतदान
- 238 पार्षद (कुल 250 सीटों में 12 पद रिक्त हैं)
- 14 मनोनीत विधायक
- सात लोकसभा सदस्य
- तीन राज्यसभा सदस्य
किसके पास हैं कितने सदस्य
- कुल वोट – 262
- भाजपा- 135 (117 पार्षद, 11 विधायक और सात लोकसभा सदस्य)
- आप- 119 (113 पार्षद तीन विधायक और तीन राजस्यभा सदस्य)
- कांग्रेस- 8
आप करेगी चुनाव का बहिष्कार तो चुनाव में क्या होगी स्थिति
- कुल सदस्य:143
- चुनाव जीतने के लिए चाहिए 72
- भाजपा :135
- कांग्रेस : 8
प्रत्याशी
- पार्टी महापौर उपमहापौर
- भाजपा राजा इकबाल सिंह जय भगवान यादव
- कांग्रेस मंदीप सिंह अरिबा खान