
अटारी बॉर्डर पर लगी वाहनों की कतार
किशोरी सरिता ने रोते हुए कहा, ‘मेरी मां भारतीय हैं और उन्हें हमारे साथ पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है,’ उसे नहीं पता कि वह उनसे कब मिल पाएगी। वह, उसका भाई और पिता रविवार को अटारी सीमा (Attari Border) पर भारत से बाहर निकलने के लिए कतार में खड़े सैकड़ों लोगों में शामिल थे।
वीजा कैंसिल होने पर फूट-फूट कर रो रहे पाकिस्तानी
सरिता ने कहा कि हम नौ साल बाद भारत आए हैं। वह, उसका भाई और उसके पिता पाकिस्तानी हैं, जबकि उसकी मां भारतीय है। वे (अटारी के अधिकारी) हमें बता रहे हैं कि वे मेरी मां को साथ नहीं जाने देंगे। मेरे माता-पिता की शादी 1991 में हुई थी। वे कह रहे हैं कि भारतीय पासपोर्ट धारकों को अनुमति नहीं दी जाएगी, उसने फूट-फूट कर रोते हुए कहा।
अधिकांश पाकिस्तानी नागरिकों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वे भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे। कुछ लोग यहां शादियों में शामिल होने आए थे, लेकिन अब उन्हें बिना शामिल हुए ही घर लौटना पड़ रहा है। जैसलमेर के एक व्यक्ति ने कहा कि उसके मामा, मौसी और उनके बच्चे 36 साल बाद उनसे मिलने आए थे, लेकिन उन्हें समय सीमा से पहले ही वापस लौटना पड़ा।
उन्होंने कहा कि वे 15 अप्रैल को पाकिस्तान के अमरकोट से 45 दिन के वीजा पर आए थे। किसी को नहीं पता था कि स्थिति ऐसी हो जाएगी। उन्हें अपने सभी रिश्तेदारों से मिलने का समय नहीं मिला। भारत ने चेतावनी दी है कि जो लोग समय सीमा बीत जाने के बाद भी देश से बाहर नहीं निकलेंगे, उन्हें नए अधिनियमित आव्रजन और विदेशी अधिनियम, 2025 के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
वीजा रद होने वापस अपने देश लौट रहे पाकिस्तानी
पेशावर के जनम राज (70) ने कहा कि वे रिश्तेदारों से मिलने के लिए 45 दिन के वीजा पर आए थे। उन्होंने कहा कि मैं तीन सप्ताह पहले देश की अपनी पहली यात्रा पर आया था और देखिए यह कैसे हुआ। दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद आरिफ अपनी मौसी को अटारी छोड़ने आए थे।