
स्वाति मालीवाल ने अदालत में दलील दी कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2016 में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने मामले की अगली सुनवाई 8 मई को करने का आदेश दिया है। आज सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह कोर्ट में मौजूद थे। दोनों ने अदालत को बताया कि वे निर्दोष हैं और उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद अदालत ने आरोप तय करने का आदेश दिया और इंस्पेक्टर सत्यवीर सिंह को 8 मई को बयान दर्ज कराने के लिए सम्मन जारी किया।
सुनवाई राउज़ एवेन्यू कोर्ट में स्थानांतरित
आपको बता दें कि 15 अप्रैल को स्वाति मालीवाल ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। 13 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वाति मालीवाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले यह मामला तीस हजारी कोर्ट में चल रहा था। चूंकि स्वाति मालीवाल सांसद हैं, इसलिए तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 18 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में स्थानांतरित कर दी।
पीड़िता का बयान एफआईआर से अलग
इस मामले में 2016 में दिल्ली के बुराड़ी थाने की पुलिस ने स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 और 86 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में 14 वर्षीय बलात्कार पीड़िता और उसकी मां ने अपहरण और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
5 जनवरी 2016 को पीड़िता ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता द्वारा दिया गया बयान एफआईआर से अलग था। इस आधार पर बलात्कार के आरोपी को 12 जनवरी 2016 को जमानत दे दी गई।
तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र
अभियोजन पक्ष के अनुसार, बलात्कार के आरोपी को जमानत मिलने के बाद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि बलात्कार पीड़िता ने डर के कारण अपना बयान बदल दिया है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्वाति मालीवाल का बयान दिल्ली महिला आयोग के तत्कालीन जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र सिंह द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सभी समाचार चैनलों पर प्रसारित किया गया था। व्हाट्सएप ग्रुप में दी गई जानकारी में पीड़िता की पहचान उजागर हुई। इस आधार पर दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।