
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों से मुगल शासकों पर आधारित पाठ्यक्रम को हटाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इन्हें बहुत पहले से ही किताबों से बाहर कर दिया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि यह देरी से उठाया गया बेहतर कदम है। महीपाल ढांडा ने कहा कि मुगलों ने हमारे देश की जनता पर जुल्म किया है। मुगल शासकों की जानकारी किताबों पर बोझ थी, जिन्होंने हमारे स्वाभिमान को चोट पहुंचाई और हमें प्रेरणाओं से दूर रखा। मुगल शासकों की जानकारी पुस्तकों में जुडनी ही नहीं चाहिए थी।
शिक्षा मंत्री ने बताया किसकी जीवनी पढ़ाना चाहिए?
महीपाल ढांडा ने कहा कि हमारे देश के लोगों ने सनातन की रक्षा के लिए जान दी है। जिन्होंने सनातन की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, उन्हें किनारे कर दिया गया था और मुगल शासकों को किताबों में शामिल कर दिया गया। किताबों में चाणक्य, चित्रगुप्त और छत्रपति शिवाजी जैसे प्रेरणादायक वीरों के बारे में पढ़ाना चाहिए। मौजूदा पीढ़ी के बच्चों को उनकी जीवनी के बारे में जानकारी मिले, यह बेहद जरूरी है।
‘कश्मीरी छात्रों को कोई दिक्कत नहीं होगी ‘
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है। केंद्र सरकार पाकिस्तान को इस बार सबक जरूर सिखाएगी। प्रदेश से सभी पाकिस्तानी नागरिकों को निकाला जा रहा है। सभी के दस्तावेजों की जांच चल रही है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी विद्यार्थियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। पहलगाम हमले के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्होंने खुद अधिकारियों से इस संबंध में बात की है। प्रदेश में करीब 1150 कश्मीरी विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इनकी सुरक्षा के लिए कालेजों तथा विश्वविद्यालयों में पुलिस को सुरक्षा मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।