
किसी परिवार की आय शून्य नहीं हो सकती: सरकार
हरियाणा सरकार का मानना है कि किसी परिवार की आय शून्य नहीं हो सकती। किसी परिवार में यदि बुजुर्ग महिला या पुरुष हैं, तो उन्हें मिलने वाली बुढ़ापा पेंशन की राशि को भी मिला लिया जाए तो यह राशि 70 हजार रुपये वार्षिक से अधिक बनती है।तकनीकी तौर पर माना जाए तो ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि यदि किसी परिवार के मुखिया ने परिवार पहचान पत्र में अपनी आय 50 हजार रुपये वार्षिक दिखाई है, तथा वह दिवंगत हो जाता है तो ऐसे में पीपीपी से उसका नाम कट जाएगा और परिवार की आय जीरो हो जाएगी।
परिवार पहचान पत्र में पहले मैरिज सर्टिफिकेट बनवाते वक्त दूल्हा-दुल्हन की फैमिली आईडी अलग करने का विकल्प था। अब इसे बंद कर दिया गया है। इस कारण भी फैमिली आईडी अलग नहीं हो पाती और परिवार के मुखिया की मृत्यु होने की स्थिति में पीपीपी में परिवार की आय जीरो हो जाएगी।
सीएम सैनी ने जांच के दिए आदेश
परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण के चीफ को-आर्डिनेटर सतीश खोला ने इस बारे में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने तुरंत फील्ड में ऐसे सभी परिवारों की आय की जांच कराने के आदेश जारी कर दिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तव में इन परिवारों की आय जीरो है अथवा कोई तकनीकी खामी है।
प्रारंभिक तौर पर परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण के पास करीब 50 हजार लोगों की आय पीपीपी में जीरो होने की सूचना सामने आई है। धरातल पर जांच होने के बाद वास्तविक लोगों को ही सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा, जबकि ऐसे लोग पकड़ में आ जाएंगे, जिन्होंने जानबूझकर अपनी फैमिली आईडी में इनकम को जीरो दर्शाया है।
परिवार पहचान पत्र में 3 लाख लोगों का अपडेट हुआ डाटा
परिवार पहचान पत्र में पिछले दिनों करीब तीन लाख लोगों का डाटा अपडेट हुआ है, जोकि गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुका है। ऐसे परिवारों के बीपीएल कार्ड काटे जा चुके हैं। इन परिवारों की आय में बढ़ोतरी हुई है। सतीश खोला का कहना है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की इस महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरी जिम्मेदारी के साथ लागू किया जा रहा है और आगे बढ़ाया जा रहा है।
फैमिली आईडी की टेस्ट चेकिंग हमारी एक सामान्य प्रक्रिया है। किसी की फैमिली इनकम अगर शून्य दर्शाई गई है, तो हमारे एफसीपी (फील्ड में जाकर काम करने वाला कर्मचारी) इसे चेक करते हैं। यह काम क्रिड के कर्मचारियों को भी समय-समय पर दिया जाता है। यह हमारी सामान्य पारदर्शी प्रक्रिया है। अगर कोई व्यक्ति गलत लाभ ले रहा है, तो उसे होने नहीं दिया जाएगा।