
मादक पदार्थ व मोबाइल को जेल में जाने से रोकने के लिए खरीदे गए विदेश नस्ल के कुत्तों को ट्रेनिंग देने के बहाने ले जाने व वापस नहीं लौटाने पर पुलिस ने चंडीगढ़ की एक फर्म के खिलाफ केस दर्ज किया है। फर्म जींद से एक कुत्ते सहित प्रदेश की आठ जेलों से 13 कुत्ते लेकर गई थी।
13 कुत्तों को ट्रेनिंग देने के लिए सरकार ने दिए थे 29 लाख
जेल उपाधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने सिविल लाइन थाना पुलिस को शिकायत दी कि हरियाणा की जेलों के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर 35डी की ईएसडी नेटवर्क इंडिया कंपनी ने दो जनवरी 2020 को पंजाब होमगार्ड कैनिंग ट्रेनिंग एंड बिल्डिंग इंस्टीट्यूट को 23 प्रशिक्षित विदेशी कुत्तों का प्रस्ताव दिया था।
इन कुत्तों को जेल में मोबाइल और मादक पदार्थ आदि को सूंघकर उसका पता लगाने की ट्रेनिंग दी जानी थी। इसके लिए हरियाणा के कारागार विभाग ने कंपनी को 13 कुत्तों को ट्रेनिंग देने के लिए 29 लाख 25 हजार रुपये का भुगतान किया था।
जींद जेल को जनवरी 2021 में दिए गए थे कुत्ते
प्रति कुत्ता यह राशि सवा दो लाख रुपये बनती थी। इसके अलावा इन कुत्तों के भोजन और दवा के लिए भी 8500 प्रति महीना प्रति कुत्ता पांच साल तक दिया जाना था। 11 सितंबर 2020 को पंजाब के होमगार्ड कैनिंग ट्रेनिंग एंड ब्रीडिंग संस्थान ने हरियाणा के कारागार विभाग को बताया कि यह कुत्ते जब हरियाणा के जेल विभाग को बेच दिए जाएंगे, उसके बाद से इनकी सारी जिम्मेदारी हरियाणा के कारागार विभाग की रहेगी।
इसमें कुत्तों का भोजन, दवा, इन्हें हैंडल करने वाले का वेतन सब शामिल रहेंगे। जींद जेल को भी जनवरी 2021 में यह कुत्ते भेजे गए थे। इनमें से एक कुत्ता ईएसडी नेटवर्क इंडिया को ट्रेनिंग देने के लिए भेजा गया था।15 महीने बीत जाने के बाद भी यह कुत्ता जेल को वापस नहीं किया गया है। हरियाणा के कारागार विभाग के महानिदेशक कार्यालय ने इस सिलसिले में 27 सितंबर 2024 से पत्र लिखना शुरू किया और इस सिलसिले में इस साल अब तक कई पत्र इंस्टिट्यूट को लिखे जा चुके हैं।