
नेहरू तारामंडल द्वारा बच्चों को रॉकेट व ड्रोन की दुनिया में ले जाने की तैयारी है। इसके लिए 27 मई से एक अनूठे शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें वह वाटर रॉकेट बनाने, क्यूबसेट ड्रोन ड्राप प्रयोग और पेशेवर तरीके से रात्रि आकाश अवलोकन शामिल होंगे। यह शिविर एक जून तक चलेगा, जिसमें छह से 14 वर्ष बच्चे भाग ले सकेंगे। यह युवा अंतरिक्ष वैज्ञानिक शिविर एक जून तक चलेगा, जिसमें छह से 14 वर्ष बच्चे भाग ले सकेंगे।
इस संबंध में नेहरू तारामंडल की कार्यक्रम प्रबंधक प्रेरणा चंद्रा ने बताया कि अंतरिक्ष के रहस्यों को उजागर करने और युवा मनों में वैज्ञानिक चेतना जगाने के लिए आयोजित इस छह दिवसीय शिविर में बच्चों को रॉकेट ्री, क्यूबसैट प्रोटोटाइपिंग, पैराशूट इंजीनियरिंग, खगोल विज्ञान और एस्ट्रोफोटोग्राफी जैसे क्षेत्रों का खास अनुभव दिया जाएगा। यह पहल बच्चों में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने और भविष्य के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को प्रेरित करने का एक शानदार अवसर है। यह शिविर बच्चों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टैम) की दुनिया से भी जोड़ेगा।
शिविर में प्रत्येक छात्र अपने व्यक्तिगत अंतरिक्ष-थीम वाली परियोजना पर काम करेंगे, जिसमें विशेष रूप से डिजाइन किए गए वैज्ञानिक माडल किट का उपयोग होगा। ये किट बच्चे अपने साथ घर ले जा सकेंगे, जिससे उनकी सीख स्थायी और व्यवहारिक बनेगी।
वहीं, शिविर के दौरान स्टैम आधारित विज्ञान प्रदर्शनी भी होगी, जहां बच्चे खुद से तैयार माडल को प्रदर्शित करेंगे। इस शिविर में शीर्ष 10 प्रदर्शन करने वाले बच्चों को इसरो सुविधा का शैक्षिक दौरा तथा एक उत्कृष्ट प्रतिभागी को इसरो की पूरी तरह प्रायोजित यात्रा से सम्मानित किया जाएगा।