सरकार को गुमराह कर किया केस दर्ज

विधायक लालपुरा ने दावा किया कि जिले के एसएसपी द्वारा मामले के असल तथ्यों को छिपाकर सरकार व विभाग को गुमराह कर उक्त केस दर्ज किया गया है। केस दर्ज करने की पूरी कार्रवाई में नीचले स्तर के अधिकारियों पर दबाव बनाया गया।

लालपुरा ने कहा कि जेल में बंद कुलदीप सिंह के भाई अमनदीप सिंह पर अमृतसर पुलिस द्वारा अवैध पिस्टलों की बरामदगी का दावा करने व गैंग्सटरों से संबंधित होने बाबत एक और झूठी एफआइआर दर्ज की गई है। एसएसपी राणा ने विभाग को गुमराह कर सरकार को बदनाम करने में कसर नहीं छोड़ी।

‘धक्केशाही के खिलाफ चुप बैठने वाला नहीं’

मनजिंदर सिंह लालपुरा ने कहा कि एसएसपी की उक्त धक्केशाही के खिलाफ फिरोजपुर रेंज के डीआइजी हरमनबीर सिंह गिल को मिल चुके हैं। उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।

फिर भी जमीन की आवाज पर मैं चुप बैठने वाला नहीं। हत्या के झूठे मामले में नामजद 50 बेकसूर लोगों को बचाने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को मिला जाएगा, ताकि एसएसपी की धक्केशाही रोक कर बेकसूर लोगों को इंसाफ दिलाया जा सके।

एफआइआर की अभी जांच जारी

घटना के समय सब डिविजन गोइंदवाल साहिब के डीएसपी अतुल सोनी मौके पर मौजूद थे। वह जिम्मेदार अधिकारी हैं। उन्हीं के बयानों के आधार पर थाना गोइंदवाल साहिब में एफआइआर दर्ज की गई।

जिसकी अभी जांच भी जारी है। जांच में अगर कोई बेकसूर पाया जाता है तो उसको कलीनचिट दी जाती है। बिना वजह पुलिस किसी के खिलाफ भी झूठी एफआइआर दर्ज नहीं करती।
अजयराज सिंह (एसपी आइ)

जांच के बाद दर्ज किया केस

सब-इंस्पेक्टर हत्याकांड में पूरी जांच के बाद ही एफआइआर दर्ज की गई है। जिसकी अगलेरी जांच एसपी (आइ) अजयराज सिंह कर रहे हैं। विधायक लालपुरा को अगर जांच पर कोई आपत्ति है तो उक्त जांच बाहरी जिले के पुलिस अधिकारियों से करवा सकते हैं। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से न्याय प्रणाली को जवाबदेह होता है। बतौर विधायक मुख्यमंत्री को मिलना उनका अधिकार है।