मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत भी पहलगाम हत्याकांड की जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा व्यापक निंदा की सराहना करते हुए की। उन्होंने पहलगाम हमले के बाद देश के बाकी हिस्सों में असामाजिक तत्वों द्वारा निशाना बनाए गए कश्मीरियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण सहायता के लिए प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया।

23 लोगों को भी याद करें जो पाकिस्तानी गोलों से मारे गए

उमर ने हिंसा और उसके स्रोत के बीच सीधा संबंध बताते हुए कहा कि जब पहलगाम हत्याकांड के पीड़ितों को याद किया जाता है, तो राष्ट्र को उन 23 लोगों को भी नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने सीमा पार से गोलाबारी में अपनी जान गंवा दी, क्योंकि वे भी पाकिस्तान से आए गोले से मारे गए थे। मुख्यमंत्री ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सीमांत लोगों के लिए व्यक्तिगत बंकरों के निर्माण की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

पीड़ितों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज मांगा

मुख्यमंत्री उमर ने बैठक में जम्मू्-कश्मीर की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों और प्रदेश के मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए केंद्र से विभिन्न विकास व रोजगार योजनाओं में प्रदेश के लिए विशेष प्रविधान का आग्रह भी किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों और उद्यगों के प्रोत्साहन के लिए, गोलीबारी से पीड़ितों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज पर भी जोर दिया।