
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोक भवन में बेसिक शिक्षा विभाग की अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ करते हुए स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य हर विद्यालय में शिक्षक की अनिवार्य उपस्थिति और बेहतर शिक्षक-छात्र अनुपात सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि जहां शिक्षक होंगे, वहीं छात्रों की संख्या भी बढ़ेगी।
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षक का कार्य सिर्फ पढ़ाना नहीं, बल्कि बच्चों का भविष्य गढ़ना है। जब बच्चे जीवन में आगे बढ़ेंगे, तो अपने शिक्षकों को जरूर याद करेंगे। इसलिए शिक्षक पूरी निष्ठा से राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कई विद्यालय ऐसे हैं जहां शिक्षक अधिक हैं और छात्र कम, वहीं कुछ स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन शिक्षक नहीं हैं।
उन्होंने ऐसे मामलों में संतुलन बनाने के लिए शिक्षकों की तैनाती उसी विद्यालय में करने के निर्देश दिए, ताकि हर विषय और कक्षा को सुचारु रूप से पढ़ाया जा सके। उन्होंने स्वीकार किया कि सुधारों के पहले चरण में कुछ विरोध हो सकता है, लेकिन जब परिणाम सामने आएंगे तो विरोध करने वालों के मुंह खुद बंद हो जाएंगे।
बीएड-एमएड छात्रों को जोड़ा जाएगा ‘निपुण’ से
सीएम योगी ने बेसिक शिक्षा परिषद से अपील की कि बीएड और एमएड कर रहे छात्रों को ‘निपुण आकलन’ कार्यक्रम से जोड़ा जाए। इसके तहत एक सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए, जिससे भविष्य के शिक्षक विद्यालयों में चल रहे शैक्षिक परिवर्तनों को नजदीक से देख सकें।
इसके लिए एक प्रोफार्मा भी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने निपुण प्लस स्पाट असेसमेंट योजना की शुरुआत की, जिससे छात्रों का त्वरित मूल्यांकन कर उनकी शैक्षणिक प्रगति को ट्रैक किया जा सकेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा एक से 8 तक के छात्रों के लिए यूनिफार्म, जूते-मोजे, स्कूल बैग और स्टेशनरी आदि के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए अभिभावकों को 1200 की धनराशि भेजी।
प्रदेश में इसके माध्यम से 1200 करोड़ ट्रांसफर किए। मुख्यमंत्री ने 43 सीएम माडल कंपोजिट विद्यालयों और 66 अभ्युदय विद्यालयों का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया। इसके साथ ही 139 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बने नए भवनों और छात्रावासों का लोकार्पण भी किया गया।
सीएम ने बताया कि हर जिले में दो माडल कंपोजिट विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिन्हें 25 करोड़ की लागत से अटल आवासीय विद्यालयों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
इन विद्यालयों में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा एक ही परिसर में दी जाएगी। भविष्य में हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक ऐसा विद्यालय खोले जाने की योजना है।