खालिस्तान फोर्स के आतंकियों को भी यहीं दी गई थी ट्रेनिंग सूत्रों के अनुसार, जैश कमांडर मोहम्मद अदनान अली उर्फ डाक्टर और काशिफ जान अक्सर यहां आते रहते थे।
जैश सरगना अजहर मसूद का भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर यही से जैश की भारत में होने वाली आतंकी गतिविधियों की निगरानी करता था। खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकियों को अदनान ने पैरा ग्लाइडर का प्रशिक्षण दिलाया था।
हमास जिस तरह से इजरायल में हमले करता है, वैसी ही रणनीति इस कैंप में जैश व हिजब द्वारा भारत में घुसपैठ व हमलों के लिए अपनाई जाती थी।

2016 में पठानकोट स्टेशन पर थी हमले की षड्यंत्र

नगरोटा मुठभेड़ में मारे गए आतंकी इसी कैंप से आए थे सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2016 में पठानकोट स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले का षड्यंत्र इसी जगह पर जैश कमांडर काशिफ जान उर्फ अली जान ने रचा था।

वह हमले में लिप्त आतंकियों से संपर्क में था। उस समय उसके साथ शाहिद लतीफ भी था, जो दो वर्ष पहले मारा गया है।
शाहिद लतीफ ने ही पठानकोट हमले मे लिप्त जैश के आंकियों को लांच किया था। जनवरी 2020 में जम्मू के नगरोटा में हमले के बाद मुठभेड़ में मारे गए जैश के आतंकी भी इसी कैंप से आए थे।