
क्या है ये बीमारी?
ये बीमारी इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाला एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है। ये आमतौर पर ठंड के मौसम में और बारिश के दिनों में फैलता है। ये खांसने या छींकने से लोगों में फैल जाता है। वैसे तो इस बीमारी का कोई खास इलाज नहीं है। इससे ग्रसित मरीज कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं लेकिन बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए ये बीमारी खतरा बन सकती है। इस कारण और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है।
डोभाल की उम्र में खतरा है फ्लू?
80 साल से अधिक उम्र के लोगों में मौसमी फ्लू कई वजहों से खतरनाक हो सकता है। दरअसल इस उम्र आपकी इम्युनिटी कमजोर होती है। इस कारण ये बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। वहीं, जिनकी उम्र ज्यादा होती है, वे पहले से ही कई बीमारियों से जूझ रहे होते हैं जिससे फ्लू और गंभीर हो सकता है। इसके अलावा सीजनल फ्लू से डिहाइड्रेशन, बीपी का लो होना, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
क्या हैं सीजनल फ्लू के लक्षण
- तेज बुखार
- ठंड लगना
- पसीना आना
- सूखी खांसी
- गले में खराश
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में अकड़न
- भूख न लगना
- नाक बंद होना
- नाक बहना
- थकान होना
सीजनल फ्लू से कैसे करें बचाव
- जो लोग बीमार हैं, उनसे दूरी बनाकर रखें। संभव हो तो घर पर रहें।
- खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढकें।
- किसी भी तरह से वायरस से बचने के लिए जरूरी है कि अपने हाथों को साफ रखें। आप चाहें तो सैनिटाइजर का यूज भी कर सकते हैं।
- आंखों नाक या मुंह को बार-बार छूने से बचना चाहिए।
- इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। भरपूर नींद लें, फिजिकली एक्टिव रहें। तनाव न लें। जितना हो सके पानी पिएं और हेल्दी डाइट लें।