
नई दिल्ली। करीब 9000 करोड़ की बैंक लोन धोखाधड़ी के बाद लंदन में बैठे भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि वह चोर नहीं हैं, मुझे भगोड़ा फिर भी कहा जा सकता है क्योंकि मैं 2016 के बाद भारत नहीं लौटा। उन्होंने कहा यदि उन्हें अपने देश में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन का आश्वासन दिया जाता है तो वह भारत लौटने पर गंभीरता से विचार करेंगे।
नौ साल तक मीडिया से दूरी बनाने के बाद, माल्या ने हाल ही में यूट्यूबर राज शमानी के पॉडकास्ट में अपनी चुप्पी तोड़ी। इस दौरान उसने बताया कि 2 मार्च 2016 को जेनेवा में FIA मीटिंग के लिए लंदन जा रहा था। मैंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को बताया कि मैं जा रहा हूं। लेकिन पासपोर्ट रद्द होने से मैं लंदन में ही अटक गया। मैं भगोड़ा नहीं, यह कोई एस्केप प्लान नहीं था। मुझे चोर कहना गलत है।
अरुण जेटली को बताकर तय विदेश दौरे पर आया था
बैंकों का कर्ज चुकाए बिना विदेश भागे माल्या ने राज शमानी के साथ करीब चार घंटे के पॉडकास्ट में कहा कि वह अचानक देश से नहीं भागे बल्कि तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को बताकर तय विदेश दौरे पर गए थे। वह कुछ कारणों से स्वदेश नहीं लौट पाए और बाद में उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया। माल्या ने कहा कि उन पर किंगफिशर को बचाने के लिए लिया गया 6203.35 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया था लेकिन खुद भारत सरकार के मुताबिक 14001 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों से माफी मांगी
पॉडकास्ट में माल्या ने कंपनी को नहीं बचा पाने के लिए किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि 2008 में मंदी के चलते किंगफिशर संकट में थी और वह उसका संचालन कम करना चाहते थे। अपने संकट को उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुकर्जी के साथ साझा कर संचालन कम करने की अनुमति चाही थी लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना किया कि बैंक आपकी मदद करेंगे।