
उन्होंने टकराव का वीडियो शेयर किया, जिसमें कुछ लोगों के हाथ में खालिस्तानी झंडे थे। “जैसे ही मैं कैमरा उनके चेहरे पर घुमाता हूँ, 5 में से 4 लोग दूर हो जाते हैं। अगर आपको अपनी गुंडागर्दी पर इतना गर्व है, तो क्यों छिप रहे हो? स्टूडेंट वीज़ा एक्सपायर हो गया?” उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया।
कनाडा, यूके, यूएस और न्यूजीलैंड में खालिस्तान विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले बेज़िरगन ने दावा किया कि हमलावरों में से एक लंबे समय से अमानवीय भाषा का इस्तेमाल करके उन्हें ऑनलाइन परेशान कर रहा है। उन्होंने खालिस्तानी व्यक्ति की धमकियों के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए।

‘इंदिरा गांधी के हत्यारों की तारीफ करते हैं ये लोग’
उन्होंने बताया कि ये लोग अपने को इंदिरा गांधी के हत्यारों का वंशज बताते हैं और हिंसा की इन हरकतों को सराहते हैं। बेजीर्गन ने कहा कि यह सब सुनकर उन्हें हैरानी हुई कि कैसे कुछ लोग आज़ादी के नाम पर हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।
सिख्स फॉर जस्टिस की खुली पोल
बेजीर्गन ने बताया कि यह आंदोलन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) नामक संगठन चला रहा है। उन्होंने कहा, “ये लोग ही रैली का आयोजन करते हैं। ज़्यादातर वही चेहरे नजर आते हैं, चाहे वह ओंटारियो हो, ब्रिटिश कोलंबिया हो, अमेरिका, ब्रिटेन या न्यूज़ीलैंड। ये लोग स्थानीय गुरुद्वारों से लोगों को बुलाते हैं ताकि भीड़ जमा हो सके। लेकिन इसके पीछे बड़े सियासी संगठन भी हैं, जैसे कनाडा में बेस्ड विश्व सिख संगठन, जिसका अतीत विवादों से भरा है।”
कनाडाई पत्रकार ने आगे कहा कि विश्व सिख संगठन कनाडा में इन हरकतों को सियासी कवर देता है। बेजीर्गन का मानना है कि कनाडा-भारत के बीच तनाव की वजह से इस मसले को और हवा मिल रही है, लेकिन जमीन पर हो रही इन हरकतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
इंदिरा गांधी और पीएम मोदी पर खालिस्तानी धमकी को लेकर क्या बोले कनाडाई पत्रकार?
पत्रकार ने चेतावनी दी कि खालिस्तानी समर्थकों का यह रवैया चिंता का सबब बन चुका है। वे न सिर्फ हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि भारत के खिलाफ भड़काऊ नारे भी लगा रहे हैं।