
नई दिल्ली:- ईरान और इजरायल के बीच शुरू हुआ ताजा संघर्ष के बाद से दुनिया एक बार फिर युद्ध के दोराहे पर आकर खड़ी हो गई है। ईरान ने इजरायल पर 40 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिन्हें इजरयल के एंटी डोम सिस्टम ने तबाह कर दिया।
वैसे तो दुनिया के 31 देश अपने पास बैलिस्टिक मिसाइल होने का दावा करते हैं, लेकिन भारत, चीन, अमेरिका और रूस जैसे कुछ ही देशों के पास ऐसी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें यानी आईसीबीएम हैं।
रूस के पास सबसे खतरनाक मिसाइल
आईसीबीएम मतलब वो मिसाइलें, जिनकी मारक क्षमता 5500 किलोमीटर से ज्यादा है। इस रेंज में एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में स्थित किसी देश को निशाना बनाया जा सकता है। हालिया संघर्ष ने एक बार फिर बैलिस्टिक मिसाइलों को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है।
इस वक्त रूस के पास दुनिया की सबसे खतरनाक और लंबी रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे आरएस-20वी कहते हैं। इसी का दूसरा नाम एसएस-18 है। इसकी रेंज 10,200 से 16000 किलोमीटर है।
चीन और अमेरिका में टक्कर
- रूस के बाद चीन और अमेरिका के पास दुनिया की दूसरी सबसे लंबी रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल मौजूद है। चीन के डीएफ-5ए है, जो पहली पीढ़ी के सिलो-बेस्ड, लिक्विड फ्यूल्ड आईसीबीएम डीएफ-5 का ही अपग्रेडेड वर्जन है। इसकी रेंज करीब 13000 किलोमीटर है।
- अमेरिका भी पीछे नहीं है। अमेरिका के पास मिनटमैन-3 बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज 9650 से 13000 किलोमीटर है। इजरायल के पास जेरिको-3 है, जो अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी रेंज 4800 से 6500 किलोमीटर है।
भारत के पास भी बेहतरीन मिसाइलें
भारत के पास भी बैलिस्टिक मिसाइलों की शानदार तकनीक है। भारत की अग्नि सीरीज की मिसाइलें इसका उदाहरण हैं। अग्नि 3 की मारक क्षमता 3200 किलोमीटर, अग्नि 4 की 4000 किलोमीटर और अग्नि 5 की 5000 से 5500 किलोमीटर की रेंज है। भारत अग्नि 6 मिसाइल भी डेवलप कर रहा है, जिसकी मारक क्षमता काफी ज्यादा होगी।
इसके अलावा ईरान के पास सेजिल-2 है, जिसकी रेंज 1500-2500 किलोमीटर है। पाकिस्तान के पास भी बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन 2 है, जिसकी मारक क्षमता भी 1500-2500 किलोमीटर है।