
चंडीगढ़ ने Renewable Energy की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। शहर के Sector-39 Waterworks में North India का सबसे बड़ा Floating Solar Power Plant शुरू हो गया है।
इस प्रोजेक्ट को Chandigarh Renewable Energy and Science & Technology Promotion Society (CREST) ने तैयार किया है।
यह सोलर प्लांट पानी के ऊपर तैरता है और इसकी क्षमता 2.5 Megawatt है। इसमें खास बात यह है कि पैनल वाटर टैंक की सतह पर लगाए गए हैं। इससे न केवल बिजली बनेगी बल्कि पानी की बचत भी होगी।
क्या-क्या होगा फायदा?
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यह सोलर प्लांट हर साल करीब 35 लाख यूनिट ग्रीन एनर्जी (Clean Electricity) पैदा करेगा।
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इससे करीब 2415 मीट्रिक टन Carbon Dioxide के उत्सर्जन में कमी आएगी, यानी प्रदूषण कम होगा।
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जलाशय की सतह ढकी रहने से वाष्पीकरण (Evaporation) कम होगा, जिससे हर साल लगभग 477.5 मिलियन लीटर पीने योग्य पानी की बचत होगी।
दौरे पर आए थे मंत्रालय के अधिकारी
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के Additional Secretary नितेश व्यास ने प्लांट का दौरा किया। वे चंडीगढ़ के दो दिन के दौरे पर हैं।
इस मौके पर CREST के CEO, साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के अधिकारी और चंडीगढ़ नगर निगम (MCC) के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
नितेश व्यास ने इस प्रोजेक्ट की तारीफ करते हुए कहा कि यह पर्यावरण बचाने और सस्टेनेबल एनर्जी की दिशा में एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने चंडीगढ़ को Green Energy Capital बनाने के प्रयासों की सराहना की।
अब तक चंडीगढ़ में कितनी सोलर एनर्जी?
CREST अब तक 89.689 Megawatt की Solar Power Capacity चंडीगढ़ में स्थापित कर चुका है। यह प्रोजेक्ट भी उसी योजना का हिस्सा है।
इस प्रोजेक्ट से क्या हासिल होगा?
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चंडीगढ़ को Model Solar City बनाने में मदद मिलेगी
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शहर की Energy Self-reliance (ऊर्जा आत्मनिर्भरता) बढ़ेगी
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जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए बनाए गए एक्शन प्लान में यह प्रोजेक्ट एक मजबूत योगदान देगा
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जल संरक्षण, स्वच्छ हवा और बिजली बचत में मदद मिलेगी
यह प्लांट सिर्फ टेक्नोलॉजी का नमूना नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है देश के बाकी शहरों के लिए, कि कैसे हम पर्यावरण को बचाते हुए नई तकनीक को अपनाकर एक Sustainable Future की ओर बढ़ सकते हैं।