
सोनीपत (हरियाणा):
हरियाणा के सोनीपत जिला प्रशासन में बड़ा भ्रष्टाचार नेटवर्क उजागर हुआ है। मुख्य आरोपी हैं डीसी कार्यालय के Personal Assistant (PA) शशांक शर्मा, जिन्हें Anti Corruption Bureau (ACB) ने 20 जून को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
शशांक की गिरफ्तारी के बाद सामने आए तथ्यों से स्पष्ट हो रहा है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि पूरा नेटवर्क था, जिसमें बड़े अफसरों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है।
कैसे हुआ खुलासा?
ACB के मुताबिक, डीसी कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी जितेंद्र कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी कि शशांक उनसे राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के पद पर ट्रांसफर कराने के बदले 5 लाख रुपए रिश्वत मांग रहा है।
शिकायत की पुष्टि के लिए ACB ने जाल बिछाया।
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डेढ़ लाख रुपए पहले ही शशांक ले चुका था।
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शेष रकम देने के लिए जब शिकायतकर्ता कार्यालय पहुंचा, तभी ACB की टीम ने मौके पर रेड की और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
तलाशी में क्या मिला?
ACB की रेड में कई चौंकाने वाली चीजें सामने आईं:
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शशांक के कैबिन की अलमारी से 3.5 लाख रुपए कैश बरामद
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घर की तलाशी में 5.75 लाख रुपए और 4 लाख रुपए का Diamond Necklace मिला, जिसका कोई बिल नहीं दिखाया गया
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iPhone 14 से Google Pay और PhonePe के माध्यम से हुए डिजिटल लेनदेन के सबूत मिले
76 लाख की UPI ट्रांजैक्शन
जांच में यह भी सामने आया कि शशांक के खातों में सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों द्वारा कुल ₹76 लाख रुपए UPI के माध्यम से ट्रांसफर किए गए हैं। ये रकम संभवतः फेवर पाने या काम कराने की एवज में दी गई थी।
वकील राजेश दहिया का आरोप है कि शशांक यह वसूली डीसी के इशारे पर करता था। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्कालीन डीसी मनोज कुमार को भी जांच में शामिल किया जाए।
DC का नाम भी सवालों में
वकील दहिया का कहना है कि शशांक लंबे समय से डीसी का पीए था और “कलेक्शन” का सारा सिस्टम उसी के माध्यम से चलता था। उनका आरोप है कि:
“डीसी जिले का मुखिया होता है। अगर उसके पीए के खाते में लाखों की ट्रांजैक्शन हो रही है, तो वह इससे अनजान कैसे रह सकता है?”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि सीएम नायब सिंह सैनी की Zero Tolerance नीति के तहत डीसी को भी सामने आकर सफाई देनी चाहिए।
भ्रष्टाचार की कहानी, चार मुख्य बिंदुओं में:
1. रिश्वत की कलेक्शन डीसी ऑफिस से:
शिकायतकर्ता का दावा है कि शशांक ने कई कार्यालयों से डीसी के कहने पर रिश्वत की वसूली की। रेड में मिला 4 लाख का डायमंड नेकलेस भी बिना बिल का है।
2. 76 लाख की संदिग्ध UPI लेनदेन:
सरकारी और प्राइवेट लोगों द्वारा UPI से की गई ट्रांजैक्शन से बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क की आशंका गहराई है।
3. कर्मचारियों की भी जांच शुरू:
ACB अब उन सभी कर्मचारियों की जांच कर रही है, जिन्होंने शशांक के खातों में पैसे भेजे। कुछ पर जल्द कार्रवाई संभव है।
4. फॉरेंसिक जांच से होगा सच का खुलासा:
हर एक ट्रांजैक्शन की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। इसके तहत संबंधित लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
अब आगे क्या?
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शशांक की गिरफ्तारी के बाद कई और कर्मचारियों पर गाज गिरने के आसार हैं
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डीसी को जांच में शामिल करने की मांग तेज हो गई है
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राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है
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ACB पूरे मामले की डिजिटल और फाइनेंशियल फॉरेंसिक जांच में जुटी हुई है