
सतना (मध्यप्रदेश):
रामपुर बाघेलान थाना क्षेत्र में स्थित ओढ़की टोल प्लाजा बुधवार शाम उस समय अफरातफरी का केंद्र बन गया जब लगभग 24 नकाबपोश बदमाशों ने वहां Toll Tax को लेकर हुए विवाद के बाद हमला बोल दिया। यह पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है और अब पुलिस जांच में अहम सबूत बन रही है।
घटना बुधवार शाम करीब 7:30 बजे की है, जब पहले कुछ लोग एक कार में टोल पर पहुंचे और बिना टैक्स दिए गुजरने की जिद करने लगे। टोल कर्मचारियों ने उन्हें रोका और नियमों का हवाला दिया, जिसके बाद बहस हुई लेकिन अंततः वे टैक्स देकर आगे बढ़ गए।
1 घंटे बाद लौटा हमला, 15 बाइकों पर सवार थे नकाबपोश
हालात सामान्य हो ही रहे थे कि करीब एक घंटे बाद वही युवक 15 बाइकों पर करीब 24 से अधिक नकाबपोशों के साथ लौटे। इन बाइकों पर नंबर प्लेट नहीं लगी थी, जिससे ये साफ है कि हमले की पूर्व-योजना बनाई गई थी।
इन युवकों के पास डंडे, लोहे की रॉड और अन्य हथियार थे। उन्होंने आते ही टोल बूथ और कार्यालय में तोड़फोड़ शुरू कर दी। कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
12 कर्मचारी घायल, एक गंभीर
टोल प्रबंधन के अनुसार, इस हमले में करीब 12 कर्मचारी घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें पास के अस्पताल में प्राथमिक इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
घटना CCTV में कैद, FIR दर्ज
घटना के तुरंत बाद टोल प्लाजा मैनेजर जितेंद्र सिंह ने रामपुर बाघेलान थाने में FIR दर्ज कराई। पुलिस ने टोल पर लगे CCTV कैमरों की फुटेज जब्त कर ली है और आरोपियों की पहचान करने की कोशिश शुरू कर दी है।
टीआई संदीप चतुर्वेदी ने बताया कि कुछ संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है, जो सतना जिले के त्योंधरी और अहिरगांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस की टीमें आरोपियों की धरपकड़ में जुटी हैं।
टोल पर फ्री पास को लेकर लगातार विवाद
Toll Tax को लेकर लोगों की ज़िद, विशेष रूप से कुछ प्रभावशाली समूहों द्वारा, टोल कर्मचारियों के लिए लगातार खतरा बनी हुई है। ‘फ्री में निकलने दो’ की मांग करना अब आम होता जा रहा है। जब कर्मचारी नियमों के तहत वसूली करते हैं तो स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है।
इस घटना से स्पष्ट है कि टोल पर कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर है। यह हमला न सिर्फ कर्मचारियों पर हमला है, बल्कि यह प्रशासन की कानून व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है।
पुलिस पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों और कर्मचारियों ने सवाल उठाया है कि टोल जैसे संवेदनशील स्थानों पर पुलिस गश्त या सुरक्षाकर्मी तैनात क्यों नहीं होते। खासकर जब पहले झगड़ा हो चुका था, तो क्या प्रशासन को अलर्ट नहीं रहना चाहिए था?
पुलिस का बयान
टीआई संदीप चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी स्तर तक रिपोर्ट भेजी गई है। सभी नकाबपोशों की पहचान करने के लिए वीडियो की फोरेंसिक जांच करवाई जा रही है। जल्दी ही गिरफ्तारी की कार्रवाई होगी।”