
चंडीगढ़, जून 2025 — पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Majithia) पर Vigilance Bureau का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के मामले में मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी ने अब इस केस को निर्णायक मोड़ पर पहुंचा दिया है।
विजिलेंस की टीम आज मजीठिया को Punjab और Himachal के कई ठिकानों पर लेकर गई है। टीम गाड़ियों के काफिले में रवाना हुई, हालांकि सुरक्षा कारणों से लोकेशन को गुप्त रखा गया है।
🕵️♂️ 4 प्रमुख गवाह, जिनके बयान से Case में आई तेजी
अब तक इस केस में जिन चार लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, उनके बयान केस को मजबूती देने वाले माने जा रहे हैं।
1. Ex-DGP Siddharth Chattopadhyay
वह अधिकारी जिन्होंने 2021 में कांग्रेस शासन के दौरान मजीठिया पर NDPS Act के तहत केस दर्ज करवाया था। उनका कहना है कि उस समय भी ईडी (ED) की रिपोर्ट के आधार पर पर्याप्त सबूत मौजूद थे, और अब विजिलेंस के पास और भी ठोस जानकारी है।
2. ED के Ex-Deputy Director Niranjan Singh
उन्होंने 6000 करोड़ की ड्रग तस्करी केस की जांच की थी। उनके अनुसार, ड्रग माफिया भोला ने पूछताछ के दौरान मजीठिया का नाम लिया था। 2013 से शुरू हुई इस जांच में अब तक 17 लोगों को सजा हो चुकी है।
3. Boney Ajnala (Former Close Aide)
मजीठिया के पूर्व सहयोगी बोनी अजनाला ने ही सबसे पहले उनके खिलाफ मोर्चा खोला था। उनका दावा है कि ड्रग तस्करों सत्ता और पिंदी को मजीठिया ने खुद अपने घर पर “जिगरी यार” कहकर मिलवाया था। यह बात उन्होंने प्रकाश सिंह बादल को पत्र लिखकर बताई थी।
4. Talbir Singh Gill (Ex-PA to Majithia)
पूर्व पर्सनल असिस्टेंट तलबीर सिंह का बयान भी जांच की दिशा बदलने वाला साबित हो सकता है। उन्होंने मजीठिया के ऑफिस से जुड़ी कई गतिविधियों की जानकारी दी है। अब वह भी SAD से अलग हो चुके हैं।
🏠 Amritsar से हुई थी गिरफ्तारी, दर्ज हुआ था 540 Cr Illegal Wealth का मामला
मजीठिया को 25 जून को सुबह 11:30 बजे उनके अमृतसर स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ दर्ज केस के मुताबिक, मजीठिया ने 540 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति अर्जित की है। विजिलेंस का दावा है कि:
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मजीठिया से जुड़ी कंपनियों के बैंक खातों में ₹161 करोड़ की बेहिसाब नकदी है।
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₹141 करोड़ का लेन-देन विदेशी संस्थाओं से हुआ।
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₹236 करोड़ बिना क्लैरिफिकेशन के कंपनियों की बैलेंस शीट में दर्ज किया गया।
जांच में अब तक मजीठिया के घर और ऑफिस से:
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29 मोबाइल फोन,
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5 लैपटॉप,
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3 iPad,
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2 डेस्कटॉप,
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8 डायरियां,
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और कई financial documents जब्त किए जा चुके हैं।
⚖️ कोर्ट में पेशी, वकील बोले- ये Action राजनीतिक प्रतिशोध
मोहाली कोर्ट में पेश किए गए मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर ने कोर्ट में कहा कि सरकार द्वारा जानबूझकर political vendetta के तहत यह कार्रवाई की गई है। उनका कहना है कि Supreme Court और District Court में सरकार अलग-अलग तर्क दे रही है।
वकील ने यह भी कहा कि विजिलेंस द्वारा जिस कंपनी को संदिग्ध बताया जा रहा है, वह भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है।
⏳ 7 दिन का रिमांड, अगली सुनवाई 2 जुलाई को
सरकारी वकीलों ने 12 दिन के रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 7 दिन का रिमांड स्वीकृत किया। अगली सुनवाई 2 जुलाई 2025 को होगी। इस दौरान मजीठिया को अलग-अलग लोकेशन्स पर तस्दीक के लिए ले जाया जाएगा।
🔍 क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस गिरफ्तारी से शिरोमणि अकाली दल के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मजीठिया पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में गिने जाते हैं और SAD के लिए सियासी रूप से यह बड़ा झटका हो सकता है।
हालांकि, यदि पार्टी इसे राजनीतिक षड्यंत्र की तरह जनता के सामने रखती है, तो यह उसे sympathy vote दिला सकता है, खासकर किसान वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में।