तेहरान/यरुशलम – ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय चिंता गहराने लगी है। इजराइल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि अमेरिका द्वारा हाल ही में किए गए हवाई हमलों के बावजूद ईरान अपने संवर्धित यूरेनियम (Enriched Uranium) के मुख्य भंडार तक अब भी पहुंच सकता है। यह भंडार इस्फ़हान (Isfahan) स्थित एक गहरे भूमिगत केंद्र में मौजूद है।
यह बयान तब आया है जब अमेरिका ने दावा किया था कि B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स की मदद से Fordow, Natanz और Isfahan जैसे प्रमुख परमाणु केंद्रों पर ‘बंकर बस्टर’ बम गिराकर ईरान की परमाणु क्षमताओं को “नष्ट” कर दिया गया है। लेकिन इजराइल की खुफिया जानकारी इस अमेरिकी आकलन से भिन्न तस्वीर पेश करती है।
संवर्धित यूरेनियम का क्या महत्व है?
संवर्धित यूरेनियम वही प्रमुख ईंधन है जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और परमाणु हथियारों दोनों में किया जाता है। ईरान का यूरेनियम भंडार उसकी रणनीतिक शक्ति का केंद्र माना जाता है, और पश्चिमी देशों के लिए यह चिंता का बड़ा कारण है।
इजराइल के अनुसार, इस्फ़हान में यह भंडार अब भी भूमिगत संरचना में मौजूद है, और यद्यपि अमेरिकी हमलों ने संरचना को क्षतिग्रस्त किया है, फिर भी ईरान की पहुंच से यह पूरी तरह बाहर नहीं हुआ है।
B-2 बॉम्बर और बंकर बस्टर हमले: कितना असरदार रहा ऑपरेशन?
पिछले महीने अमेरिकी वायुसेना द्वारा ईरान पर किए गए हमलों में B-2 Stealth Bombers का इस्तेमाल हुआ था। ये विमान अत्याधुनिक ‘बंकर बस्टर’ बम गिराने में सक्षम हैं, जो गहरे भूमिगत संरचनाओं को भी भेद सकते हैं।
US President Donald Trump ने दावा किया था कि ईरान के तीनों प्रमुख परमाणु केंद्र “पूरी तरह नष्ट” कर दिए गए हैं। लेकिन अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की प्रारंभिक रिपोर्ट कहती है कि स्थल ‘नष्ट’ नहीं हुए, बल्कि ‘भारी क्षति’ पहुंची है।
क्या यूरेनियम सुरक्षित स्थान पर छिपाया गया है?
परमाणु निगरानी विश्लेषकों का मानना है कि इजराइली और अमेरिकी हमलों की आशंका को भांपते हुए ईरान पहले ही अपना अधिकांश संवर्धित यूरेनियम गोपनीय स्थानों पर स्थानांतरित कर चुका हो सकता है। हालांकि इजराइल इस बात पर अडिग है कि सारा संवर्धित यूरेनियम इन तीनों प्रमुख साइटों पर ही मौजूद था और कहीं नहीं ले जाया गया।
इजराइली अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “इस्फ़हान में गहराई में छिपे संवर्धित यूरेनियम तक ईरान अब भी पहुंच सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें बहुत अधिक प्रयास करने होंगे।”
ईरानी राष्ट्रपति का बयान: नहीं पहुंच पा रहे हैं अंदर
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने हाल ही में अमेरिकी पत्रकार Tucker Carlson को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया कि अमेरिकी हमलों के कारण अब तक अधिकारी उन साइटों तक “पूरी तरह पहुंच” नहीं बना पाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान IAEA (International Atomic Energy Agency) के साथ सहयोग फिर से शुरू करने को तैयार है, लेकिन फिलहाल UN Inspectors को पूर्ण और निर्बाध पहुंच देने का वादा नहीं किया जा सकता।
IAEA का आकलन: खतरा टला नहीं
IAEA के प्रमुख Rafael Grossi ने भी माना कि अमेरिका और सहयोगी देशों के हमलों से ईरान के यूरेनियम संवर्धन स्थलों को “काफी नुकसान” हुआ है। लेकिन उन्होंने साथ ही यह चेतावनी दी कि “कोई यह दावा नहीं कर सकता कि वहां कुछ भी नहीं बचा है।” यानी, परमाणु कार्यक्रम के पुनर्संचालन की आशंका अभी भी बरकरार है।
🇮🇱 इजराइल का स्ट्रैटेजिक संदेश: खतरा अभी भी जिंदा है
इजराइली अधिकारियों का मानना है कि जब तक ईरान के पास संवर्धित यूरेनियम की एक भी पहुंच योग्य मात्रा मौजूद है, तब तक उसे परमाणु हथियार निर्माण की प्रक्रिया से पूरी तरह बाहर नहीं माना जा सकता।
इजराइल पहले भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस बात पर ज़ोर देता रहा है कि ईरान की परमाणु क्षमता क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है और उसके खिलाफ सिर्फ “प्रतीकात्मक नहीं, ठोस” कार्रवाई की आवश्यकता है।
अब आगे क्या?
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अमेरिका और IAEA के निरीक्षकों की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
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अगर ईरान इन स्थलों की मरम्मत करता है या यूरेनियम की पुनः संवर्धन प्रक्रिया शुरू करता है, तो पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया और भी आक्रामक हो सकती है।
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इजराइल द्वारा साझा की गई यह खुफिया जानकारी नई सैन्य रणनीतियों की नींव रख सकती है।