
पंजाब सरकार ने इजी रजिस्ट्रेशन सिस्टम शुरू किया है, जिससे राज्य में रजिस्ट्री करवाना आसान हो गया है और लोग घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के सरल होने से लोगों को काफी फायदा होगा। साथ ही, रजिस्ट्री के नाम पर आम लोगों से पैसे ऐंठने वालों पर भी लगाम लगेगी। गौरतलब है कि, पंजाब देश का पहला राज्य है जहां यह व्यवस्था शुरू की गई है। भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का दावा है कि इस नई व्यवस्था से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
अब पंजीकरण शुल्क जमा करने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं होगी। बल्कि, ऑनलाइन भुगतान के लिए एक विशेष गेटवे नागरिकों को स्टाम्प शुल्क, पंजीकरण शुल्क जैसे सभी डिजिटल लेनदेन शुल्क का भुगतान करने की सुविधा देता है। लोग ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे। भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। हर कदम पर निगरानी होने से अनियमित गतिविधियां तुरंत पकड़ में आ सकेंगी। कागजी कार्रवाई में कमी आएगी, जिससे लोगों के संसाधन बचेंगे। सभी दस्तावेज अब ऑनलाइन जमा किए जाएंगे।
प्रॉपर्टी संबंधी काम जल्द होंगे
सीएम मान ने कहा कि अब तक जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान अगर किसी के नाम में एक भी गलती होती थी, तो उसे ठीक करने में 10 साल या उससे भी ज्यादा समय लग जाता था, लेकिन अब रजिस्ट्री का काम पूरी पारदर्शिता के साथ होगा और गलतियों की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी या उसका जल्द समाधान हो जाएगा। यदि कोई गलत रजिस्टरी या दस्तावेज गलत पाया जाता है, तो उप-रजिस्ट्रार जिम्मेदार होंगे।
सब-रजिस्टरार की आपत्ति 48 घंटे के भीतर लाना जरूरी
तहसीलदार अब एक के बाद एक आपत्ति दर्ज कराकर रजिस्ट्री में देरी नहीं कर सकेंगे। किसी भी रजिस्ट्री पर 48 घंटे के भीतर आपत्ति दर्ज कराई जा सकेगी, वह भी पोर्टल पर उपलब्ध मापदंडों के अनुसार। यदि 48 घंटे के भीतर ऐसा नहीं होता है, तो उसे वैध संपत्ति माना जाएगा। ईजी रजिस्ट्री पोर्टल के माध्यम से ड्राफ्ट डाउनलोड किया जा सकता है। इस पर खसरा संख्या और इस पूरी प्रक्रिया में लगने वाले सरकारी शुल्क की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।