
UP NEWS: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में रहने वाले 2,196 शरणार्थी परिवारों को आखिरकार एक बड़ी राहत मिलने जा रही है। ये परिवार पहले पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से भारत आए थे और 1960 के आसपास इन्हें पीलीभीत के अलग-अलग गांवों में बसाया गया था। उस समय इन्हें रहने और खेती करने के लिए जमीन तो दी गई थी, लेकिन जमीन का मालिकाना हक (ownership) नहीं मिला था।
योगी सरकार का बड़ा फैसला
अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन परिवारों को उनकी जमीन का कानूनी हक देने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद इन लोगों को उनकी जमीन के कागज (दस्तावेज) दिए जाएंगे, जिससे वे कानूनी रूप से जमीन के मालिक बन जाएंगे।
अब तक क्यों नहीं मिला मालिकाना हक?
इन शरणार्थियों को सरकार ने जमीन तो दी थी, लेकिन किसी भी तरह के मालिकाना दस्तावेज नहीं दिए। इस वजह से ये लोग सरकारी योजनाओं जैसे कृषि लाभ, सब्सिडी, या घर की स्कीमों का फायदा नहीं उठा पाए। बिना जमीन के मालिक बने, ये लोग सालों से किसी अधिकार के बिना रह रहे थे।
प्रशासन कर रहा तैयारी
पीलीभीत के जिला अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि जैसे ही सरकार से आखिरी दिशा-निर्देश मिलेंगे, प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन की कोशिश है कि इन परिवारों को जल्द से जल्द उनके अधिकार दिए जाएं।
कुछ परिवारों का पहले ही हो चुका है सत्यापन
अभी तक 2,196 में से 1,466 परिवारों का सत्यापन (verification) पूरा हो चुका है और उनके दस्तावेज राज्य सरकार को भेज दिए गए हैं। ये परिवार जल्द ही कानूनी दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे।
सरकार के फैसले की तारीफ
बीजेपी के जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनजीत सिंह और अन्य नेताओं ने इस फैसले को “ऐतिहासिक और न्यायपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा कि यह उन शरणार्थियों के लिए सम्मान और राहत का पल है, जिन्होंने सालों तक अपने हक के लिए संघर्ष किया।
किन गांवों को मिलेगा फायदा?
- तातरगंज
- बमनपुर
- बैला
- सिद्ध नगर
- शास्त्री नगर
- नेहरू नगर
…और अन्य गांव।
शरणार्थी परिवारों में खुशी की लहर
- अपनी जमीन का कानूनी हक मिलेगा
- सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा
- आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार आएगा