
वाहन चालकों के लिए बेहद ही खास खबर सामने आई है। अब चंडीगढ़ में ट्रैफिक पुलिसकर्मी किसी भी वाहन को नहीं रोक पाएंगे। अगर किसी भी वाहन को रोका गया तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये आदेश जारी किए। ट्रैफिक लाइट पॉइंट और चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी सिर्फ ट्रैफिक कंट्रोल करेंगे। इसके अलावा पुलिसकर्मी किसी भी वाहन का चालान नहीं काटेंगे। डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा ने सोमवार शाम सेक्टर-9 पुलिस मुख्यालय में आईपीएस के साथ बैठक की। बैठक में डीजीपी ने सभी आईपीएस को निर्देश दिए। बैठक खत्म होने के बाद ट्रैफिक विंग में यह संदेश प्रसारित हुआ कि कोई भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी शहर में किसी भी वाहन को नहीं रोकेगा।
वाहनों को रोककर चालान के बदले पैसे वसूलने का आरोप
डीजीपी सुरेंद्र यादव के तबादले के बाद चंडीगढ़ ट्रैफिक विंग के कर्मियों पर दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों को रोककर चालान के बदले पैसे वसूलने का आरोप लगा था। पैसे लेने और बदसलूकी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले ट्रैफिक विंग का एक कांस्टेबल 500 रुपये लेते हुए वीडियो में कैद हुआ था। वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी थी।
ट्रैफिक विंग को रोकने का मामला डीजीपी तक पहुंचा
पंजाब और हरियाणा के वाहनों को रोककर चालान काटने का मामला प्रशासक और डीजीपी तक पहुंचा था। दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों को रोकने के मामले की जाँच की गई। जाँच में पाया गया कि पुलिसकर्मी दूसरे राज्यों से चंडीगढ़ आने वाले वाहनों को रोककर उनके चालकों को परेशान करते थे।
चौकों और लाइट प्वाइंट्स के लिए लगती थी बोली
ट्रैफिक पुलिस सूत्रों के अनुसार, चंडीगढ़ के एंट्री प्वाइंट्स और चौराहों पर ड्यूटी के लिए पुलिसकर्मी बोली लगाते थे। चौक और लाइट प्वाइंट्स लाखों में बेचे जाते थे। यह सारा खेल मुंशी कर्मचारियों द्वारा किया जाता था। वीडियो में पुलिसकर्मी के पैसे लेते दिखाई देने के बाद, वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्रैफिक विंग के मुंशी का तबादला कर दिया।