
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दो नई वायु रक्षा मिसाइलों के परीक्षण की निगरानी की। यह जानकारी रविवार को सरकारी मीडिया (केसीएनए) ने दी। इस परीक्षण को उत्तर कोरिया की सैन्य क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। परीक्षण से ठीक पहले प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया पर आरोप लगाया था कि वह सीमा पर तनाव बढ़ा रहा है। हालांकि मिसाइल परीक्षण कहां हुआ, इसकी जानकारी मीडिया में साझा नहीं की गई।
मिसाइलों की खासियत
सरकारी रिपोर्ट में नई मिसाइलों की विस्तृत जानकारी नहीं दी गई, लेकिन इतना बताया गया कि इन मिसाइलों की संचालन पद्धति और प्रतिक्रिया प्रणाली विशेष और अलग तकनीक पर आधारित है। दोनों मिसाइलें अलग-अलग हवाई लक्ष्यों को आसानी से नष्ट कर सकती हैं।इनमें बेहतर युद्ध क्षमता (combat capability) है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर कोई सीधा बयान नहीं
इस परीक्षण के दौरान किम जोंग उन ने अमेरिका या दक्षिण कोरिया पर कोई सीधा बयान नहीं दिया। केवल इतना कहा गया कि ये मिसाइलें देश की सुरक्षा के लिहाज़ से बहुत अहम हैं।
क्षेत्रीय राजनीति से जुड़ा महत्व
यह मिसाइल परीक्षण उस समय हुआ जब दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे म्युंग जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मिलने टोक्यो गए हुए थे। दोनों नेताओं ने मुलाक़ात में उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं और सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की। बैठक में अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ाने और त्रिपक्षीय साझेदारी (अमेरिका-जापान-दक्षिण कोरिया) को मजबूत करने पर ज़ोर दिया गया। इसके बाद राष्ट्रपति ली को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाक़ात के लिए वाशिंगटन रवाना होना था।
किम का अमेरिका को सख्त संदेश
किम जोंग उन पहले भी कई बार यह साफ़ कर चुके हैं कि वह अपने परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम को बंद नहीं करेंगे। अमेरिका और दक्षिण कोरिया लंबे समय से बातचीत फिर से शुरू करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन उत्तर कोरिया इसे लगातार ठुकरा रहा है। किम की सरकार इस समय रूस जैसे देशों से संबंध मजबूत करने को प्राथमिकता दे रही है, ताकि अमेरिका का मुकाबला किया जा सके।