
नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर पर मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा। यह कार्रवाई अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़ी हुई है। ईडी ने भारद्वाज के अलावा उन कंपनियों के ठिकानों पर भी रेड की, जिन्हें अस्पताल बनाने के ठेके मिले थे। कुल 13 जगहों पर छापेमारी की गई है।
5,590 करोड़ का अस्पताल निर्माण प्रोजेक्ट
- साल 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 24 अस्पतालों के निर्माण के लिए करीब ₹5,590 करोड़ का बजट मंजूर किया था।
- इन अस्पतालों को खासतौर पर ICU सुविधा के साथ 6 महीने में पूरा होना था।
- लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी ज्यादातर काम अधूरा ही पड़ा रहा।
सामने आईं गंभीर गड़बड़ियां
जांच में कई बड़ी अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। 6 महीने में बनने वाले प्रोजेक्ट 3 साल बाद भी अधूरे हैं। लगभग ₹800 करोड़ खर्च होने के बावजूद सिर्फ 50% काम ही पूरा हुआ। LNJP अस्पताल की लागत शुरू में ₹488 करोड़ थी, जो बढ़कर ₹1,135 करोड़ तक पहुंच गई, लेकिन काम में कोई खास प्रगति नहीं हुई। कई जगह बिना मंजूरी के निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए। ठेकेदारों की भूमिका संदिग्ध पाई गई।हॉस्पिटल इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (HIMS), जिसे 2016 से लागू होना था, आज तक लटका हुआ है। आरोप है कि इसे जानबूझकर टाला गया।
जांच के घेरे में नेता
इस मामले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन मुख्य जांच के दायरे में हैं। ईडी ने इस मामले में अपनी ECIR दर्ज की है।जून में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ACB (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा) को इस प्रोजेक्ट की जांच की अनुमति दी थी। जांच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत चल रही है।
BJP नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर कार्रवाई
यह जांच भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत के बाद शुरू हुई। अगस्त 2024 में गुप्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उन्होंने कहा था कि इसमें उस समय के मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन भी शामिल थे।
शुरुआती जांच में क्या सामने आया?
अधिकारियों के अनुसार, ACB की शुरुआती जांच में ये बातें सामने आईं। प्रोजेक्ट्स की लागत को बार-बार बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया।जानबूझकर काम में देरी की गई। कम खर्च वाले विकल्पों को जानबूझकर ठुकराया गया। फंड्स का गलत इस्तेमाल हुआ। इन सबको भ्रष्टाचार की रणनीति और पैटर्न माना गया, जिसकी वजह से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
AAP का जवाब
आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों से इंकार किया है। उनका कहना है कि ये केवल रूटीन प्रोजेक्ट देरी है, जिसे भाजपा ने राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश की है।