नई दिल्ली। लद्दाख के समाजसेवी सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने पति की बिना शर्त रिहाई की मांग की है। गीतांजलि ने इस गिरफ्तारी को अनुचित और अन्यायपूर्ण बताया। इस पत्र की कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजी गई है।
I have sent this representation for the immediate release of Shri Sonam Wangchuk to the President of India, Prime Minister of India, Home Minister, Law Minister of India, and the LG of Ladakh, with a cc to DC Leh. pic.twitter.com/6Y0xa46sNK
— Gitanjali J Angmo (@GitanjaliAngmo) October 1, 2025
“राष्ट्रपति एक आदिवासी होने के नाते भावनाएं बेहतर समझेंगी”
गीतांजलि ने पत्र में लिखा कि चूंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद एक आदिवासी समुदाय से आती हैं, इसलिए वे लद्दाख के लोगों की भावनाओं और संघर्ष को ज्यादा अच्छी तरह समझ सकती हैं।
हिंसा में सोनम की कोई भूमिका नहीं
गीतांजलि ने साफ कहा कि 24 सितंबर को लद्दाख में जो हिंसा हुई, उसमें सोनम वांगचुक का कोई हाथ नहीं था।
बल्कि उन्होंने तो खुद उस हिंसा की निंदा की थी।
“सरकार आंदोलन को दबाना चाहती है”
गीतांजलि का आरोप है कि पिछले 4 साल से केंद्र सरकार लद्दाख आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सोनम पर लगाए गए FCRA लाइसेंस रद्द करने और पाकिस्तानी लिंक जैसे आरोप पूरी तरह झूठे और बेबुनियाद हैं।
NSA के तहत गिरफ्तारी और जेल भेजना
सरकार ने सोनम वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत केस दर्ज किया और उन्हें जोधपुर जेल भेज दिया गया।
गीतांजलि ने कहा कि सोनम किसी के लिए भी खतरा नहीं हैं—
- ना अपने देश के लिए
- ना किसी और इंसान के लिए
सेना और देश के लिए योगदान
गीतांजलि ने बताया कि सोनम वांगचुक ने हमेशा देश और लद्दाख की सेवा की है। उन्होंने भारतीय सेना के जवानों के लिए शेल्टर होम्स बनाए, ताकि जवानों को सही नींद मिल सके और वे बेहतर तरीके से सीमा की रक्षा कर सकें। उनका पूरा जीवन लद्दाख और देश की सेवा के लिए समर्पित रहा है।
“इतना बुरा व्यवहार रणनीतिक भूल”
गीतांजलि ने कहा कि लद्दाख के सपूत के साथ इतना बुरा व्यवहार करना केवल अन्याय ही नहीं, बल्कि रणनीतिक गलती भी है।
इससे सीमाओं पर शांति और एकजुटता कमजोर हो सकती है।
पति से बात करने की इजाजत तक नहीं
गीतांजलि ने बताया कि उन्हें अपने पति से फोन पर बात करने की भी इजाजत नहीं दी गई है। उन्हें सोनम की हालत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अधिकारियों ने कहा था कि वे उन्हें उनके कानूनी अधिकार समझाएंगे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ।
24 सितंबर को हुई थी घटना
24 सितंबर को लद्दाख में प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई। इसके बाद सरकार ने सोनम के NGO का लाइसेंस रद्द कर दिया और अन्य कार्रवाई भी की। आखिरकार सोनम को NSA के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया।